चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है l इन सीटों पर मतदान की तारीखों का इंतजार राजनीतिक पार्टियों से लेकर आम आदमी तक को है l उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो,लेकिन सियासी दलों ने अभी से ही अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है l उपचुनाव में मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA और सपा-कांग्रेस के इंडिया गठबंधन देखी जा रही है l ऐसे में इस समय बेहतर प्रदर्शन कर रही कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा ब्रेकर कहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ही ना बन जाए आखिर अजय राय कांग्रेस के सामने अब वह कौन सी डिमांड रखने वाले हैं जिसे लेकर,विधानसभा उपचुनाव से पहले कहीं कांग्रेस में ही आपस में मनमुटाव की स्थिति न पैदा हो जाए l आखिर अजय राय का कौन सा प्लान है,जिसे कांग्रेस ठुकरा सकती है और कांग्रेस अजय राय की इस फरमाइश पर फैसला लेने में क्यों 10 बार सोच रही है? दरअसल जो,अजय राय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से लेकर अभी हाल ही में सीटों के बंटवारे के मामले में सपा से 2 – 4 कर चुके हैं l कहीं वही अजय राय कांग्रेस के लिए भी भारी मुसीबत ना बन जाए l यह भी आज की इस रिपोर्ट में हम आपको दिखाएंगे l दरअसल,यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अपने बेटे शांतनु राय को राजनीति में लॉन्च करने की तैयारी में जुटे हैं l
अजय राय अपने बेटे शांतनु राय को मिर्जापुर के मझवा सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं l जानकारी के अनुसार, अजय राय ने प्रदेश से लेकर आलाकमान तक अपने बेटे के लिए जोरदार लॉबिंग शुरू कर दी है l माना जा रहा है,कि कांग्रेस पार्टी मझवा की सीट प्राप्त कर सकती है,जहाँ से वे शांतनु को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं l शांतनु राय अपने पिता के चुनावी अभियानों का संचालन देख चुके हैं और वे राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं l उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है और छात्र राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई है l अजय राय के करीबी सूत्रों के मुताबिक,मझवा अजय राय का ननिहाल है और इस क्षेत्र से उनकी सियासी और पारिवारिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है, इसलिए वे अपने बेटे को यहीं से राजनीतिक सफर शुरू करवाना चाहते हैं l
फिलहाल, कांग्रेस पार्टी 10 उपचुनावों में से 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है,जिसमें मझवा सीट को प्राथमिकता दी जा रही है l समाजवादी पार्टी भी इस सीट से रमेश बिंद को उम्मीदवार बनाना चाहती है,जिन्होंने भाजपा के सांसद रहते हुए टिकट कटने पर समाजवादी पार्टी का दामन थामा और अनुप्रिया पटेल को चुनौती दी थी l कांग्रेस पार्टी में वंशवादी राजनीति कोई नई बात नहीं है l अजय राय पहले वाराणसी से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं,लेकिन सफलता नहीं मिली l ऐसे में उनका अपने बेटे के लिए मझवा सीट पर दावा करना स्वाभाविक है और इसे आलाकमान द्वारा अनदेखा करना मुश्किल होगा l फिलहाल इसी कशमकश के बीच बनते बिगड़ते समीकरण अजय राय के नए प्लान को भी जन्म दे सकते हैं जो कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए एक नई बड़ी मुसीबत ना बन जाए यह भी देखने वाली बात होगी l