लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है l जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी,पूरी तरह से पूर्वांचल पर फोकस है l शायद ही वजह है,कि जिन सीटों पर अखिलेश यादव को लगता है,की सीट पक्की है l वहां पर वह मजबूत उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं,जिस तरह से अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट देकर,अखिलेश यादव ने जहां एक तरफ अपनी पार्टी की एक मजबूत सीट पक्की की है,तो वहीं दूसरी तरफ बदायूं में भी अपनी पार्टी के शीर्ष नेता को उतार कर,राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है,लेकिन जब बात सीटों के बंटवारे को लेकर हो, तो ऐसे में भाजपा की बात आना लाजिमी हो जाता है l अभी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए,हाल ही में 195 कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी कर दी है l इस पहली लिस्ट में भाजपा की ओर से उन शीर्ष दिग्गज नेताओं को जगह मिली,जो पूरे भारत की सरकार को अपने हाथ में रखते हैं l इस लिस्ट में जहां एक तरफ,पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नाम शामिल है,तो वही भारतीय जनता पार्टी ने,पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए उतारा है l हालांकि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था,लेकिन इसके उलट प्रधानमंत्री ने तीसरी बार वाराणसी से ही चुनाव लड़ने की मंशा जताई l
फिलहाल भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या से लल्लू सिंह पर विश्वास जता कर,अपने पुराने दिग्गजों को साथ लाने की कोशिश की l वहीं इसी के साथ भाजपा ने अपनी195 कैंडिडेट की पहली लिस्ट में,उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में 51 सीट पर कैंडिडेट भी घोषित कर दिए हैं,लेकिन इस लिस्ट में दो लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं,जिस पर न सिर्फ राजनीतिक पंडितों की नजरे टिकी है,बल्कि बड़े से बड़े दिग्गज नेताओं के साथ-साथ,आम जनता भी इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले नाम को लेकर काफी कन्फ्यूजन की स्थिति में है l दरअसल,भाजपा ने भारत की उन सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है,जो पहले से ही जीत की तरफ इशारा कर रही हैं,लेकिन कुछ सीटे ऐसी रही,जिनको लेकर खुद भाजपा भी अंदरखाने मंथन करती दिख रही है,लेकिन उत्तर प्रदेश की दो ऐसी लोकसभा सीट कौन-कौन सी हैं, जिनको लेकर भाजपा की परेशानी बढ़ती दिख रही है और भाजपा इन पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा को लेकर चुप क्यों बैठी है ? दरअसल,उत्तर प्रदेश में सियासी मायनो के साथ-साथ,इस सीट के तमाम विवादित मायने भी हैं और उन दोनों ही सीटों में सबसे पहला नाम आता है,अमेठी का l यहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जीत कर आती हैं,लेकिन इस बार भाजपा के किए गए काम और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच,कुछ ऐसी भी तस्वीरे बीजेपी के सामने आई हैं,जो बीजेपी को अंदर ही अंदर परेशान कर रही हैं l
दरअसल यहां विकास कामों को लेकर,जनता स्मृति ईरानी से नाखुश बताई जा रही है,सूत्र बताते हैं,की स्मृति ईरानी ने क्षेत्र में काम तो कराए,लेकिन आज भी राहुल गांधी को लेकर जनता की उम्मीदें दोबारा यहां पर बरकरार दिख रही हैं l ऐसे में भाजपा किसी भी तरह का कोई रिस्क,इस राजनीतिक हॉट सीट पर नहीं लेना चाहती,लेकिन दूसरा नाम इंडिया जंक्शन में खुलासा किया जाए,उससे पहले जान लीजिए कि आखिर वह नाम क्यों सुर्खियों में रहा ? तो इस राज पर से अब हम पर्दा उठा रहे हैं l दरअसल यहां पर जिस नेता का हम नाम लेने जा रहे हैं,वह न सिर्फ नेता है बल्कि अवध और पूर्वांचल क्षेत्र में दबदबा रखने वाला वह नाम है,जो लगभग 12 जिलों में अपना प्रभाव कायम रखता है और वह नाम है बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह का l पिछले 1 सालों से महिला पहलवानों के शोषण के आरोप और अपने दबंगई भरे बयानों से,चर्चा में आए बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा ने होल्ड पर रखा हुआ है l हर तरफ यही चर्चा हो रही है,कि बीजेपी में बृजभूषण शरण सिंह जैसे बाहुबली को लेकर अंदर क्या-क्या चल रहा है ? लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के,मुताबिक बीजेपी यहां से एक ऐसे नए चेहरे पर दांव लगाने जा रही है l जो युवाओं में खास पकड़ रखता है और वह नाम है,अवध ओझा का l अवध ओझा को युवाओं में खासा लोकप्रिय माना जाता है l खास तौर से अवध ओझा,सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर के तौर पर बहुत बड़े स्तर पर,अपनी पकड़ युवाओं के बीच रखते हैं l अपने खास अंदाज से अवध ओझा,ओझा सर के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हैं l