India Junction News

इंडिया गठबंधन में हुई अमिताभ बच्चन की एंट्री, कांप गया NDA !

India Junction News Bureau

Author

Published: May 13, 2024 11:50 am

अंतिम सांस तक अटूट रही राजीव और अमिताभ की दोस्ती!
अहसानो को कभी नहीं भूले अमिताभ…..समाजवादी पार्टी से निभाए रिश्ते और अब बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ कभी भी कर सकते हैं,उत्तर प्रदेश में एंट्री l जी हां नमस्कार…..मैं हूंपियूष्मणि अवस्थी,आप देख रहे हैं इंडिया जंक्शन की खास पेशकश……”तेरा एहसान नहीं भूलूंगा” l देश में सूचना तकनीक क्रांति के प्रणेता राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था l उन्होंने 1984 से 1989 तक देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में राजीव ने ऐतिहासिक राजनीति की l 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक जनसभा के दौरान लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी l जब जब राजीव गांधी के बारे में बात होती है,तो अमिताभ का नाम आना लाजमी है l

राजीव के सबसे अच्छे दोस्त अमिताभ बच्चन की हसीन यादों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है l राजीव गांधी जब पायलट बने थे,तब तकअमिताभ बच्चन अभिनेता बन चुके थे,लेकिन बचपन में बर्थडे के दिन हुई मुलाकात ने जवानी के बेहतर दिनों से लेकर बुढ़ापे तक कभी भी राजीव और अमिताभ को अलग नहीं होने दिया l दोस्ती के किस्से इस कदर फेमस हुए,जो आज तक लोग भुला नहीं पाए…..राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती इस कदर थी,कि जब राजीव गांधी कहीं फ्लाइट को टेक ऑफ करते थे,तो अमिताभ बच्चन को पहले ही सूचना दे दी जाती थी l और फ्लाइट को लैंडिंग करने से पहले अमिताभ मौजूद हो जाया करते थे l राजनीति के दिनों में भी दोस्ती की यह दास्तान हमेशा चलती रही l कभी भी राजनीति की लालच या फिर स्वार्थ की दोस्ती सामने नहीं आई l आखिरकार अंतिम समय में धीमे-धीमे करके राजीव गांधी,अपने आप को पूरी तरह से राजनीति में स्थापित कर चुके थे और अभिनेता के तौर पर अमिताभ बच्चन को भारत का बच्चा-बच्चा जान चुका था l

यह तो बात थी,राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती की लेकिन,अब हम बात करते हैं जया बच्चन की…..अमिताभ बच्चन भले ही राजनीति से बाहर रहे हो,वह भी तब राजीव गांधी जैसा बड़ा राजनेता पक्का दोस्त रहा हो और पूरा गांधी परिवार अमिताभ को अपने दूसरे बेटे की संज्ञा देता हो,बावजूद इसके अमिताभ बच्चन का समाजवादी पार्टी में आना एक असंभावित कदम ही था……”कौन बनेगा करोड़पति”? कार्यक्रम के दौरान,अमिताभ बच्चन को जब बहुत ज्यादा कर्ज की समस्या पैदा हुई…..उस समय अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन को इतनी मदद की,इतनी मदद की, जिस मदद को एहसान के रूप में लेकर, अमिताभ बच्चन ने समाजवादी पार्टी का दामन कभी नहीं छोड़ा l भले ही अमिताभ सक्रिय राजनीति में समाजवादी पार्टी के साथ ना दिखाई दिए हो, लेकिन मुलायम के समय से लेकर अब तक समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार में,हमेशा अमिताभ बच्चन आगे रहे l अमर सिंह,अमिताभ बच्चन,सुब्रत राय सहारा,मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह,यह एक ऐसी चौकड़ी हुआ करती थी,की राजनीति की गलियों में जब-जब बॉलीवुड का तड़का लगाना होता था,तो अमिताभ बच्चन का रोड शो से लेकर तमाम चुनावी सभाओं में,अमिताभ का आना लाजमी माना जाता था……कभी हेलीकॉप्टर से अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की एंट्री कराकर, मंच पर ठुमके लगाकर,तो कभी “अरे दीवानो मुझे पहचानो,मैं हूं कौन,मैं हूं डॉन”……. जैसे गानों पर जनता झूम उठती थी l

अमिताभ ने जिस किसी से भी दोस्ती की,दोस्ती को निभाने के लिए,आखरी तक साथ दिया l समाजवादी पार्टी का दामन थामा,तो समाजवादी पार्टी के साथ वफादारी में कोई कमी नहीं रखी और जब राजीव गांधी के साथ कांग्रेस का दामन थामा था,तो राजनीति से अलग दोस्ती यहां तक बढ़ गई थी,कि सोनिया गांधी की शादी के समय,जो-जो राज,अमिताभ को मालूम थे शायद वह गांधी परिवार को भी नहीं मालूम थे….. किस्से और कहानी तो यहां तक है,कि एक पंजाबी लड़की से जब राजीव गांधी के प्रेम संबंध स्थापित हुए,तब भी अमिताभ बच्चन ने ही राजीव गांधी का साथ दिया था l यानी एक तरफ गांधी परिवार,तो दूसरी तरफ यादव परिवार की बागडोर और अहसानो की बंदिशें को निभाना ही अमिताभ ने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था l अमिताभ बच्चन ने अपने रिश्तों को तरजीह दी है l शायद यही वजह है,कि समाजवादी पार्टी में अमिताभ बच्चन को भले ही सक्रिय राजनीति में ना आने की मंशा को देखते हुए ही जया बच्चन को राज्यसभा तक पहुंचा दिया गया…..तो वही रिवॉर्ड के रूप में अमिताभ बच्चन ने समाजवादी पार्टी के लिए जनसभा में आने का कभी भी कोई पैसा चार्ज नहीं किया l जबकि अमिताभ बच्चन वो कलाकार है,कि उनके विज्ञापन से लेकर बड़े पर्दों तक की कहानी और उसके चार्जस किसी से नहीं छिपे हैं…..एक बार फिर,राजीव गांधी की विरासत संभालने के लिए राहुल गांधी,”भारत छोड़ो यात्रा” से लेकर,”इंडिया गठबंधन” बनाने की सोच तक पहुंच चुके हैं और उधर समाजवादी पार्टी की विरासत को मुलायम सिंह के पद चिन्हो पर चलते हुए,अखिलेश यादव राहुल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ हैं……

यह भी पढ़ें :   हार कर भी जीत गई मेनका गाँधी!

दोनों की जोड़ी ने आज फिर,राजीव और अमिताभ की 40 साल से भी ऊपर की दोस्ती के उस पुराने इतिहास को दोहरा कर रख दिया है, जो भारत के लिए नजीर था…… यही नहीं राहुल और अखिलेश की इस जोड़ी ने बीजेपी के हौसलों को पस्त कर दिया है….. शायद यही वजह है कि,अब अमित शाह जैसे बड़े दिग्गज चाणक्य नेता,को भी यह कहना पड़ रहा है ,कि यह लड़ाई मोदी और राहुल की है…..हर तरफ इंडिया गठबंधन की गूंज दिखाई देने लगी है….करोड़ों की तादाद में लोग,अब राहुल और अखिलेश को अपना नेता धीमे-धीमे मानने लगे हैं…..एनडीए के सामने बहुत बड़ी चुनौती है और जो बीजेपी के दिग्गज नेता, जो अब तक राहुल को पप्पू मानते थे…. उसी पप्पू ने,पप्पू बनकर ही,चप्पू चला दिया है…..आज इस पप्पू के पीछे युवा भाग रहे हैं….. अपने मेनिफेस्टो में जनता की आवाज को ही,शब्दों की माला में पिरोकर,राहुल गांधी ने,जहां लोकतंत्र की मजबूत राजनीति को बयां किया है….. तो वहीं पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यकों की आवाज को उठाने के लिए,अखिलेश ने कमर कस ली है l

गठबंधन मजबूती की तरफ आगे बढ़ रहा है,तो वही अब इस गठबंधन में अमिताभ बच्चन की एंट्री होने वाली है…… जाहिर सी बात है,कि अमिताभ के सामने,जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी की वफादारी का भी रिवॉर्ड अदा करने का टाइम आया है,तो वही मुलायम और पूरी समाजवादी पार्टी का कर्ज चुकाने का सबसे बेहतर मौका भी यही चुनाव यानी कि लोकसभा चुनाव 2024 है…. क्योंकि अब गांधी परिवार के राजकुमार राहुल गांधी को जहां अपने चाचा अमिताभ बच्चन का सानिध्य मिलेगा….. तो वही बुरे दिनों में अमिताभ का साथ देने वाली समाजवादी पार्टी के संरक्षक,मुलायम सिंह यादव की विरासत संभालने वाले तेजतर्रार नेता अखिलेश यादव को भी भी पुरानी यादों को ताजा करते हुए,जनता के बीच एक बार फिर,डॉन की एंट्री कराकर, वाहवाही लूटने का तगड़ा मौका भी मिलेगा….. बस अब इंतजार है,उत्तर प्रदेश की धरती पर उस अमिताभ बच्चन का….. जिसने कभी दोस्ती के चलते गांधी परिवार से अपने रिश्ते निभाए,तो वही अब समाजवादी पार्टी के किए गए अहसानो को चुकाने के लिए,अमिताभ की दस्तक कभी भी उत्तर प्रदेश में हो सकती है….. और निश्चित तौर पर,अमिताभ की दस्तक, पूरे इंडिया गठबंधन के प्रचार अभियान को तेजी के साथ-साथ, यू-टर्न भी दे देगी…… और अमिताभ की यह एंट्री न सिर्फ पूरे एनडीए गठबंधन को हिला कर रख देगी,बल्कि उत्तर प्रदेश में “डॉन की एंट्री”,

दोनों ही पार्टियों से मिलकर बने,”इंडिया गठबंधन” को मजबूत करते हुए,एक नया इतिहास रचने की तैयारी के रूप में भी दिखाई देगी……फिलहाल “डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही,होगी…..लेकिन इस चुनाव में इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं और उत्तर प्रदेश की जनता को,”डॉन” का इंतजार है और इस बार “डॉन” को ढूंढना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं…..बल्कि पूरी तरह से मुमकिन हो चुका है l फिलहाल बॉलीवुड के “डॉन” और “शहंशाह” बहुत जल्द,आपके सामने होंगे……

विज्ञापन

विज्ञापन

Scroll to Top