उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से लेकर अब तक,जब-जब उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई तब से अब तक,बुलडोजर आइकन बन चुका था l योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर तमाम अन्य प्रदेशों पर में भी बुलडोजर की कार्रवाइयों को अपराधियों के विरुद्ध आवाज बुलंद करते हुए देखा गया था l इसी बुलडोजर के जरिए,डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थापना की हुंकार भरी थी l यही वह बुलडोजर था जो खिलौने से लेकर,योगी आदित्यनाथ की सरकार का लैंडमार्क बन गया थाl लेकिन इसी लैंडमार्क पर एक बड़ा ब्रेकर आखिर क्यों लगा दिया गया और क्यों योगी सरकार अब घबरा गई है और 1 अक्टूबर को ऐसा क्या होने वाला है,जिससे योगी आदित्यनाथ का पसीना छूट जाएगा ? उससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता अंशु दीक्षित का यह बयान सुन लीजिए l
तो अभी आपने सुना कि अंशु दीक्षित ने सीधे तौर पर सरकार के बुलडोजर की कार्रवाइयों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया,साफ तौर पर कहा यह सरकार असंवैधानिक तरीके से काम कर रही थी l उत्तर प्रदेश में बुलडोजरकी कार्रवाइयों पर,पिछले कई दिनों से सपा मुखिया अखिलेश यादव भी हमलावर है l अखिलेश ने भी योगी आदित्यनाथ की सरकार को अब निशाने पर ले लिया है l अखिलेश ने जहां एक तरफ शीश अदालत सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया,तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार की चल रही बुलडोजर की कार्रवाइयों को विपक्ष को दबाने की कोशिश बताया है l
फिलहाल उत्तर प्रदेश योगी सरकार बुलडोजर के जरिए,चल रही कार्रवाइयों पर अब सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर सीधे तौर पर आ गई है l 1 अक्टूबर को सुनवाई होनी है l ऐसे में फिलहाल तब तक बुलडोजर के किसी भी कार्रवाई को अवैध माना जाएगा l सुप्रीम कोर्ट के इस अल्टीमेटम के बाद,फिलहाल योगी सरकार के इस असंवैधानिक आईकॉनिक बुलडोजर की नीति कई प्रदेश की सरकारों को यह संदेश भी दे देगी,कि कानून का राज संविधान के जरिए चलता है,ना की बुलडोजर की बनाई गई हवा के जरिए l