इधर लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हुए l अब जाकर मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया और वह फैसला जुड़ा हुआ है,सीधे भारत की अर्थव्यवस्था,समय और फिजूल खर्ची और चुनाव में मचने वाली हाय तौबा से l वह फैसला है,वन नेशन वन इलेक्शन बिल का कैबिनेट में पास हो जाना l फिलहाल यह बिल अब शीतकालीन सत्र में पास किए जाने की संभावना है l विपक्षी गठबंधन इंडिया,इसका विरोध कर रहा है और केंद्र की मोदी सरकार इस बिल को पास करने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा चुकी है l इसी बल पर जहां एक तरफ इंडिया गठबंधन विरोध के स्वर उठा रहा है,तो वैसे में उत्तर प्रदेश से जुड़े दो नेताओं ने इस बिल को लेकर क्या कुछ कह डाला ?
दरअसल,मोदी कैबिनेट से इस बिल के पास होते ही,उत्तर प्रदेश के दो बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ गई है l इस बिल का समर्थन करते हुए मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर इस बिल को समर्थन दिया है,लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को एक नसीहत भी दी है,माया कहती है,कि इस बिल का प्रयोग जनता के लिए जनहित में ही होना चाहिए l लेकिन विपक्षी गठबंधन इंडिया का मजबूत कंधा यानी,अखिलेश यादव इस बिल का कड़ा विरोध करते नजर आए l उन्होंने सरकार को आईना दिखाते हुए कहा,लगे हाथ महाराष्ट्र,झारखंड और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की भी घोषणा करा देते l
अखिलेश ने आगे नसीहत दी और कहा,कि जनता पूछ रही है कि आप अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कब कराएंगे ? अखिलेश ने मोदी सरकार पर तंज कसा और कहा,कि सुना है कि वहां एक व्यक्ति एक राय चलती है l कहीं ऐसा तो नहीं,की कमजोर पड़ चुकी भाजपा में अब दो व्यक्ति दो राय का झगड़ा चल रहा हो l अखिलेश ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा,कि देश में प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के चुनाव एक साथ ही होंगे या फिर त्योहार और मौसम के बहाने सरकार की हार जीत की व्यवस्था बनाने लिए,अपनी सुविधानुसार lफिलहाल,केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर हरी झंडी दे दी है l अब शीतकालीन सत्र में इसे पास कराने में केंद्र की भाजपा सरकार को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी आवाज को इस मुद्दे पर कहां तक पहुंचाएगा l यह फिलहाल देखने वाली बात है, लेकिन उत्तर प्रदेश के दो बड़े नेताओं में मायावती का जहां इस बिल को समर्थन मिल रहा है,तो वही अखिलेश ने इस बिल को लेकर तमाम बड़े-बड़े सवाल लक्ष्मण रेखा के रूप में केंद्र की मोदी सरकार के सामने खींच दिए ? फिलहाल शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा है और इस अग्नि परीक्षा में एनडीए के सहयोगी दल मोदी की कितनी मदद कर पाते हैं ? यह भी देखने वाली बात होगी और यही एक बहुत बड़ा सवाल जनता के दिमाग में भी चल रहा है l