उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की दस्तक क्या होने वाली है ? कि हर मुद्दे को राजनीतिक तौर पर जनता के बीच में घुमा घुमा कर लाया जा रहा है l इधर योगी आदित्यनाथ कोई फैसला लेते हैं,उधर विपक्ष उस फैसले का विरोध करता दिखता है l अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर नीति के मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाई l विपक्ष ने फिर आक्रामकता के साथ अपनी आवाज उठाई l अब ऐसे में एक बार फिर खाद्य सुरक्षा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने रेस्टोरेंट और ढाबों में नेम प्लेट लगाए जाने की वकालत की,तो उस पर पलटवार करते,मायावती ने क्या कुछ कहा ? ,लेकिन राजनीति इतनी बुरी चीज है,कि कांग्रेस इसी का अनुसरण हिमाचल प्रदेश में करती दिख रही है l लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी के आदेश पर बसपा सुप्रीमो मायावती क्यों राजनीति कर रही है ? l
दरअसल,बसपा सुप्रीमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यूपी सरकार के आदेश से होटलों और ढाबों में नाम पता लिखें जाने वाले मामले पर निशाना साधा l उन्होंने कहा कि,यह सब खाद्य सुरक्षा के लिए कम और जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है l मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तरां, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कांवड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही फिर से चर्चा में है l यह सब खाद्य सुरक्षा के लिए कम और जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है l मैडम माया यही नहीं रुकी,मायावती ने आगे लिखा,कि वैसे तो खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है l
क्या अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का काला धंधा खत्म हो जाएगा? बसपा मुखिया ने लिखा,कि वैसे भी तिरुपति मंदिर में प्रसादम के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी और उद्वेलित कर रखा है और जिसको लेकर राजनीति जारी है l धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिंतन जरूरी है l फिलहाल,इस समय खानपान में मिलावट को लेकर,जहां एक तरफ योगी सरकार सख्त कदम आगे बढ़ाने को लेकर,तमाम परिवर्तन की बातें कह रही है,तो वही उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के चलते,अब इस मुद्दे को भी राजनीतिक रंग देने के लिए मायावती ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं l फिलहाल,इसका क्या असर विधानसभा उपचुनाव पर पड़ेगा?यह तो बाद की बात है,लेकिन योगी अपने फैसले पर अडिग दिखाई दे रहे हैं l