इस समय गाजियाबाद से उठा एक बयान पूरे भारत में धार्मिक चर्चा का विषय बन गया है हर जगह इसी बयान की चर्चा हो रही है आखिर यह बयान कहां से उठा क्यों उठा और अब बयान देने वाले पर क्या सख्त एक्शन लिए जाने की तैयारी हो रही है l दरअसल ऑलइंडियामजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा वाली टिप्पणी करने के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की l असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए यति नरसिंहानंद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिएlहैदराबाद के सांसद ने कहा,कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करने वाले पीएम मोदी को यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उसे गिरफ्तार करना चाहिए l बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एक मंदिर के पुजारी,यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद से मुलाकात की l इसके बाद उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात की और इस पूरे मामले पर केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार को सीधे निशाने पर लिया है l
उन्होंने कहा,कि अगर भाजपा पूरे देश में नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों को सपोर्ट करेगी और भारत की सबसे बड़ी माइनॉरिटी के जज्बात को ठेस पहुचायेंगे तो ये सरासर नाकाबिल-ए-कबूल है l यति नरसिंहानंद को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है l ये लोग देश को कमजोर कर रहे हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं l उन्होंने आगे कहा,कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है ? बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हैदराबाद पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ लिखित ज्ञापन दिया l उन्होंने अधिकारियों से सरस्वती के खिलाफ उनकी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया,कि सांप्रदायिक भावनाएं और न भड़कें l
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक और अत्यधिक निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया l ओवैसी ने याद दिलाया कि यति नरसिंहानंद को पहले भी भड़काऊ भाषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनकी जमानत की एक शर्त यह थी कि,वे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे l उन्होंने मांग की कि उनकी जमानत रद्द की जाए l फिलहाल,गाजियाबाद से उठा यह मुद्दा,अब विधानसभा उपचुनाव से पहले,योगी सरकार के लिए भी,गले की फांस बन सकता है और इस मुद्दे पर विपक्ष कहीं ना कहीं मुस्लिम वोटो को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब भी होगा,जो भाजपा की तरफ से चलाए जा रहे अल्पसंख्यक समाज के तमाम सम्मेलनों पर भी भारी पड़ेगाऔर ईश निंदा के मुद्दे पर भाजपा की तरफ आकर्षित पसमांदा समाज को भी तोड़ने की विपक्ष पूरी कोशिश कर सकता है l