जहाँ एक तरफ विधानसभा चुनाव की हलचल हर तरफ है तो दूसरी तरफ महारास्ट्र मे विधानसभा चुनाव में एक पुस्तक चर्चा का विषय बनी हुई है। दरसल … यह पुस्तक महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लिखी है मराठी भाषा में , वहीँ इस पुस्तक के ज्यादातर अध्याय महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में हुई उनकी गिरफ्तारी से संबंधित हैं। वहीँ राजकीय षडयंत्र विफल करने वाले गृहमंत्री की आत्मकथा’ में देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि जब वो जेल में थे तो उनपर दबाव बनाया गया था कि वो ऐसा बयान दर्ज कराएं जिससे शीर्ष नेता फंस सके। और यही नही बल्कि देशमुख ने दावा किया कि उन्हें जेल में एक ऑफर मिला था, जिसे अगर वो स्वीकार करते तो उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई खत्म कर दी जाती।
देशमुख ने कहा कि उन्हें 4 प्वाइंट का लिफाफा मिला था, जिसमें एक हलफनामा दायर करने को कहा था। इसमें अजित पवार उनके बेटे पार्थ को गुटखा निर्माताओं से पैसा इकट्ठा करने के लिए फंसाने को कहा गया था। वहीँ अगर डायरी ऑफ ए होम मिनिस्टर काफी चर्चा में बनी हुई है राजकीय षडयंत्र विफल करनेवाले गृहमंत्री की आत्मकथा’ नामक यह पुस्तक इन दिनों प्रयास करके विशेष वर्गों तक पहुंचाई जा रही है। खासतौर से मीडिया से जुड़े लोगों तक। माना जा रहा है कि यह प्रयास पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की सफाई देने के क्रम में किया जा रहा है।
पुस्तक में एक मराठी टीवी चैनल में 18 मार्च, 2021 को तब के गृहमंत्री के रूप में लिए गए अनिल देशमुख के साक्षात्कार से लेकर मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर खड़ी पाई गई विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो, तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए संगीन आरोप, इन्हीं घटनाओं से जुड़ी मनसुख मर्डर मिस्ट्री, पुलिस अधिकारियों के आपराधिक रिकार्ड, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन पर लगाए आरोप एवं चांदीवाल आयोग से देशमुख को मिली क्लीनचिट जैसे मुद्दों पर विस्तार से लिखा गया है। देशमुख महाविकास आघाड़ी सरकार में महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे। उनके कार्यकाल में ही उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो खड़ी पाई गई थी। बाद में इस स्कॉर्पियो के कथित मालिक मनसुख की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हो गई थी।