दरसल … एक बार फिर अमेरिका में ट्रंप की सरकार बन्ने जा रही है चुनाव के नतीजो में ट्रंप 270 इलेक्टोरल वोट से ज्यादा जीतते नज़र आ रहे हैं l वहीँ आपको बता दें की अमेरिका में 5 नवम्बर को वोट डाले जा रहे थे तब जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना और विस्कॉन्सिन समेत कई राज्यों के पोलिंग बूथ को बम से उड़ाने की धमकियां भी आईं l वैसे इन सभी धमकियों को फ्हर्जी बताया गया था l लेकिन इन सब में अमेरिका को एक कॉमन कनेक्शन नज़र आ रहा था वो था रूस l वहीँ एफबीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि कई पोलिंग बूथ को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी l धमकी भरे ये ईमेल रूस से आए थे l लेकिन रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा, ‘रूस ने कभी भी अमेरिका या किसी और देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया है l राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार जोर दिया है कि वो अमेरिकी नागरिकों की इच्छा का सम्मान करते हैं l
लेकिन कहा जा रहा है की रूस पर इस तरह के इल्जाम ये पहली बार बार नही लग रहे हैं l साल 2016 2018 2022 में भी रूस पर इस तरह के इल्जाम लग चुके हैं l 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को कमजोर करने और ट्रंप को मजबूत करने की साजिश रची थी l अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आदेश पर ‘लाखता’ नाम का एक ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसका मकसद क्लिंटन को कमजोर और ट्रंप को मजबूत करना l इतना ही नहीं, 2018 में अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने दावा किया था कि 2016 के बाद भी रूस ने अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश जारी रखी l लोगों को प्रभावित करने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं l लेकिन सवाल ये उठता है की इनसब में रूस को आखिर क्या फ़ायदा होगा l
दरअसल … रूस पर 2016 और 2020 के चुनाव में भी ट्रंप की मदद करने का आरोप लगा था. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए ट्रंप का सत्ता में बने रहना ज्यादा फायदेमंद है. उसकी वजह भी है. दरअसल, बाइडेन सरकार रूस के प्रति सख्त रही है. जंग शुरू होने के बाद से ही बाइडेन सरकार यूक्रेन को न सिर्फ आर्थिक बल्कि सैन्य रूप से भी मदद कर रही है l वहीँ ट्रंप शुरू से ही इसके उलट, ट्रंप शुरू से ही पुतिन के साथ खड़े हैं. और तो और रूस के हमले के लिए ट्रंप कई बार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं l चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कई बार कहा कि अगर वो राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन को दी जाने वाली लाखों डॉलर की आर्थिक और सैन्य मदद बंद कर देंगे.और अब तक फरवरी 2022 से अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 60 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद की है. ट्रंप हमेशा से यूक्रेन को दी जाने वाली मदद की आलोचना कर चुके हैं.