योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनजाति समुदाय भारत का मूल समुदाय होने के साथ-साथ मिट्टी से जुड़ा तथा माता ‘भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ अर्थात् यह धरती हमारी माता है, हम सभी इसके पुत्र हैं, का भाव अंगीकार करने वाला समुदाय है। वनों में निवास करने वाले, प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर तथा परम्परा के प्रति अनुराग रखने वाले जनजातीय समुदायों ने ही विपरीत परिस्थितियों में भारत के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की। देश की गुलामी के कालखण्ड में भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय समुदाय के अधिकारों तथा देश की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। आज उनकी 150वीं जयन्ती है।
मुख्यमंत्री लोकनायक भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयन्ती जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया तथा जनपद सोनभद्र के सियरिया तथा जुगैल में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। उनके समक्ष जनजातीय समुदाय के कलाकारों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इसके पूर्व, उन्होंने जनजातीय उत्पादों से सम्बन्धित स्टॉलों का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुण्डा के बलिदान को सम्मान देने के लिए 15 नवम्बर की तिथि को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में देश तथा प्रदेश के अलग-अलग भागों से सम्बन्धित बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय उपस्थित होकर यहां विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदार बनेंगे। यहां आज से 20 नवंबर, 2024 तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन के साथ 22 राज्यों के जनजातीय कलाकार जुड़े हुए हैं। इसमें स्लोवाकिया तथा वियतनाम देशों के कलाकार भी अपनी भागीदारी कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समुदायों को अपनी परम्परा तथा संस्कृति को प्रस्तुत करने तथा आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।
जनजातीय कला तथा परम्परा को सम्मान प्रदान करने के लिए डबल इंजन सरकार विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व जनजातीय समुदाय अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित था। यह समुदाय पूर्व सरकारों के एजेण्डे का हिस्सा नहीं बन पाया था। प्रदेश के लगभग 11 जनपदों में जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। थारू, कोल, चेरो, गोंड तथा बुक्सा आदि जनजातियों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से शत-प्रतिशत संतृप्ति के लिए वर्ष 2017-18 में प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया प्रयास तीव्र गति के साथ आगे बढ़ रहा है। आज इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना तथा हर घर शौचालय आदि अनेक योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदायों को ग्रीन ईंधन के रूप में एल0पी0जी0 कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। उन्हें वृद्धावस्था, निराश्रित महिला तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। हर जरूरतमंद को राशन कार्ड, 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी जनजातीय क्षेत्रों में वीर एकलव्य के नाम पर चलने वाले विद्यालयों की लम्बी श्रृंखला स्थापित करने का कार्य आगे बढ़ रहा है। आश्रम पद्धति विद्यालयों के माध्यम से जनजातीय समुदाय के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जनजातीय समुदाय देश व प्रदेश सरकार की योजनाओं से लाभान्वित होकर आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें आधुनिक तकनीकों का लाभ लेने के साथ-साथ अपनी विरासत के प्रति अनुराग रखना चाहिए। जनजातीय समुदायों की विरासत तथा संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सरकार के स्तर पर अलग-अलग स्थानों पर म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। जनपद बलरामपुर के इमिलिया कोडर में भव्य थारू जनजाति संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इस म्यूजियम के माध्यम से थारू जनजातीय समुदाय से जुड़ी प्राचीन परम्पराओं तथा पद्धतियों का अवलोकन किया जा सकता है। इस तरह के कार्यक्रम अनेक जनपदों में आगे बढ़ाये जा रहे हैं।
जनपद बिजनौर में निवास करने वाली बुक्सा जनजाति से जुड़े हुए लोगों को विभिन्न योजनाओं से आच्छादित करने का जो क्रम राष्ट्रपति जी के आगमन के दौरान प्रारम्भ किया गया था, आज वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। समाज के प्रत्येक वर्ग को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने इसी भाव के साथ देशवासियों को ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र दिया था। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार वर्तमान में जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। अब तक शासन की योजनाओं से वंचित जनजातीय समुदायों, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों तथा अन्य नागरिकों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाकर जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। समाज को गरीबी से मुक्त करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम शीघ्र प्राप्त होंगे।
समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया इस अवसर पर समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री श्संजीव गोंड, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग बैजनाथ रावत, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ0 हरिओम, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, जनजाति समुदाय से जुड़े लोग तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।