उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में एक सीट ऐसी है,जिस पर भाजपा के अंदर प्रतिद्वंद्विता चल रही है और कहीं यही सीट बीजेपी के लिए गले की फांस न बन जाए l आखिर यह सीट क्यों इतनी हॉट बन गई है और क्या है, इस सीट पर बीजेपी का असली गेम प्लान और क्यों बीजेपी इस सीट पर अब तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर रही है और कहीं किसी ऐसे प्रत्याशी के नाम की घोषणा के साथ भाजपा के अंदर विरोध के स्वर बुलंद ना हो जाए ? दरअसल,यह सीट कोई और नहीं बल्कि लखनऊ से सटी हुई कानपुर की सीसा मऊ सीट l इस सीट पर बीजेपी से लगभग सौ से ज्यादा दावेदारों ने अपनी दावेदारी ठोकी है,लेकिन बीजेपी ने अभी किसी नाम पर मुहर नहीं लगाई है l हालांकि जानकारों की मानें,तो बीजेपी नामांकन के आखिरी दो दिन पहले अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है l ऐसे में एक बड़ा सवाल है,कि सौ की भीड़ में चुनाव लड़ने का सपना किसी एक का ही पूरा होगा,तो क्या बाकी दावेदार नाराज़गी जाहिर कर,बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं? इस सीट पर तीन दशक से सपा के अलावा और किसी का प्रत्याशी नहीं जीता है, शायद यही वजह है,कि यह सीट न सिर्फ भाजपा के लिए,बल्कि खुद योगी के लिए ही एक चैलेंज बन गई है l
कानपुर की सीसामऊ सीट पर शहर के कई बड़े बीजेपी नेता जो अपने या अपनों के लिए प्रतिष्ठा लगाए बैठे हैं l बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री अपने बेटे और बेटी को इस सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं l इससे पहले वही पूर्व सांसद अपने लिए लोकसभा का टिकट मांग रहे थे,लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने चुनाव न लड़ने का पत्र जारी किया था l इस सीट पर बीजेपी जिलाध्यक्ष ,कई पूर्व विधायक और एम एल सी भी यहां टिकट की लाइन में हैं l ऐसे ही सौ से भी ज्यादा दावेदार अपनी अपनी भाग्य की आजमाइश कर रहे हैं l अंदर खाने से इस बात की भी चर्चा है,कि बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता अजय कपूर को भी मैदान में उतारने के मूड में है l इस सीट पर सपा ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा पहले ही कर दी है l सपा में सभी को इस बात की जानकारी भी थी,कि टिकट सोलंकी परिवार को ही मिलना है l जिसके चलते किसी ने ज्यादा हांथ पांव नहीं चलाए,लेकिन बीजेपी में इस सीट पर सौ से भी ज्यादा दावेदारी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब भी हो सकती है l
टिकट किसी एक का ही शीर्ष नेतृत्व की ओर से फाइनल किया जाएगा,लेकिन अपनी अपनी उम्मीद में नेताओं की दावेदारी खराब भी होगी l अगर बीजेपी बाहर से बीजेपी में शामिल हुए नेता को टिकट देती है,तो विरोध तय माना जा रहा है l पुराने और अनुभव वाले नेताओं की जगह अगर किसी और को टिकट मिलता है,तो पुराने नेता भी अपने ताकत की आजमाइश करेंगे l ऐसे में जहां भाजपा और योगी सरकार के लिए कानपुर की सीसा मऊ सीट भरपूर चैलेंज से भरी हुई सीट बन गई है,तो वहीं अब इस सीट पर मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी का चयन करना,उससे भी बड़ा चैलेंज बन गया है l