लोकसभा चुनाव से पहले और मुख्तार अंसारी की मौत के बाद,उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में सिंपैथी लहर के चलते और जन् प्रिय नेता होने के नाते,अफजाल अंसारी को बढ़त मिली और वह मजबूती के साथ,चुनाव जीत कर आए,लेकिन अखिलेश यादव से मिले प्रेम और जनता का दुलार भले ही,अफजल के लिए बहुत मायने रखता हो,लेकिन इस समय अफजल के राजनीतिक भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह लगने की संभावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता l आखिर क्यों अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य आ सकता है,खतरे में ?आज की इस रिपोर्ट में हम आपको दिखाएंगे भी और बताएंगे भी l
दरअसल,गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में पिछले साल 29 अप्रैल को 4 साल की सजा मिली थी l सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी l अफजाल अंसारी ने 4 साल की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी और ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी l हाईकोर्ट ने इस मामले में अफजाल अंसारी को जमानत तो दे दी थी, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई थी lबाद में सुप्रीम कोर्ट ने,अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील पर 30 जून तक फैसला देने को कहा था l
सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगने की वजह से अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी और इस आधार पर वह दोबारा लोकसभा का चुनाव लड़ सके थे l हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हो रही थी l इस बीच यूपी सरकार और बीजेपी विधायक,कृष्णानंद राय के परिवार वालों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर,सांसद अफजाल अंसारी की सजा को बढ़ाए जाने की गुहार लगाई l हाईकोर्ट में तीनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो रही थी,कोर्ट में अफजाल अंसारी की तरफ से दलील पेश की गई थी,उनके खिलाफ गैंगस्टर का केस बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर दर्ज किया गया था l
उस केस में वह कई साल पहले बरी हो चुके हैं l दलील दी गई कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं,तो उस आधार पर दर्ज गैंगस्टर का केस भी रद्द होना चाहिए l अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद, फिलहाल कल हुई सुनवाई के बाद,अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया l अफजाल अंसारी की तरफ से कोर्ट में उनके अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने दलीलें पेश की, जबकि कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने पक्ष रखा l अफजाल अंसारी को अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती और उनकी सजा रद्द नहीं होती है,तो उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो जाएगी l अब ऐसे में कोर्ट के फैसले पर,अफजल का पूरा राजनीतिक भविष्य टिक गया है lफैसला कोर्ट ने सुरक्षित कर लिया है और यही फैसला यह तय करेगा,की पूर्वांचल की राजनीति में अफजल का दखल,मजबूती के साथ बना रहेगा,या फिर खत्म हो जाएगा उनका राजनीतिक भविष्य l