लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करते हुए समाजवादी पार्टी ने 30 सीटों को अपने पाले में लाकर,देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी का तमगा हासिल किया,तो वहीं लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद,हरियाणा में भी चुनाव हुए l जहां,”इंडिया गठबंधन” की ताकत दरक गई l कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा दिया,तो वहीं अखिलेश ने बड़ा दिल करते हुए उत्तर प्रदेश में होने वाले 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन की ताकत को बरकरार रखने का संदेश दिया,लेकिन अखिलेश का उत्तर प्रदेश में यह संदेश देना,क्या महाराष्ट्र में भी कुछ नया होने की शंका को बल देने वाला है ? दरअसल,हरियाणा चुनाव परिणाम आने के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस पर समाजवादी पार्टी ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है l सपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी l पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के महाराष्ट्र दौरे में पांच सीटों के ऐलान से साफ है कि सपा I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों पर दबाव बनाना चाहती है l
अखिलेश ने कहा,कि सपा महाराष्ट्र में 12 सीटों पर लड़ना चाहती है l इसके लिए I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों को प्रस्ताव दिया है l अखिलेश ने कहा,कि सपा एक ऐसी पार्टी है जो कुछ सीटों के साथ संतुष्ट है l मौजूदा समय में महाराष्ट्र में सपा के दो विधायक हैं l जानकारों के मुताबिक अखिलेश के दौरे और पांच प्रत्याशियों की घोषणा का मकसद I.N.D.I.A. को एक संदेश देना भी है l इस कदम के जरिए उन्होंने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है,कि विपक्षी दलों के बीच वोटों का बंटवारा न हो और सपा को उचित सीटें मिलें l मध्य प्रदेश और हरियाणा में कांग्रेस से मिले झटके के बाद, अखिलेश इस बार बेहद सतर्क होकर कदम उठा रहे हैं l महाराष्ट्र में सपा का फोकस पीडीए पर है l यही वजह है,कि अखिलेश ने उन्हीं जगहों से चुनाव प्रचार शुरू किया है, जहां अल्पसंख्यक आबादी अधिक है l
सपा मुखिया ने दो दिन के दौरे में मालेगांव और धुले में जनसभाएं की l धुले में चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश ने कहा कि सपा उन सीटों पर लड़ना चाहती है,जहां उसकी स्थिति मजबूत है l सपा नेता अबू आजमी ने कहा,कि ‘हमने पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है ताकि MVA को पता चले,कि हम यहां मजबूत हैं l वरना वे हमें बैठक में बताएंगे कि आपका उम्मीदवार बहुत मजबूत नहीं है l हमने यह दिखाया है,कि हम वे सीट मांग रहे हैं, जहां हम मजबूत हैं l कुल मिलाकर भले ही अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में दोस्ती के कसीदे गढ़ते दिख रहे हो, लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस की शैली में ही कांग्रेस को अखिलेश ने समझा दिया है,क्योंकि हरियाणा विधानसभा चुनाव से अनुभव लेने के बाद,अखिलेश दूध के जले हैं और मट्ठा भी फूंक कर पियेंगे,क्योंकि अखिलेश को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक बार तब भी झटका लगा था l जब उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे थे और वहां पर भी सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया था l यही नहीं मध्य प्रदेश में भी हुए,विधानसभा चुनाव में अखिलेश को खाली हाथ ही रहना पड़ा था l मनचाही सीट न मिलने से अखिलेश भी,अब परिपक्व राजनीति का परिचय दे रहे हैं l ऐसे में महाराष्ट्र में अखिलेश ने अपनी ताकत दिखाकर कहीं ना कहीं कांग्रेस को भी मजबूर कर दिया है l