अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से लेकर अब तक,बीजेपी पर हमलावर है,चाहे संविधान बचाने के मामले को लेकर,भाजपा पर निशाना साधना हो,या फिर शिक्षक भर्ती मामले पर l एक बार फिर अखिलेश यादव ने तब से बीजेपी को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है, जब से हाथरस कांड हुआ है l पहले सरकार के समुचित संसाधनों पर अखिलेश ने उंगली उठाई थी और अब,हाथरस कांड के बाद,अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर इस बार एक ऐसा बयान दिया है,जिससे न सिर्फ बीजेपी बल्कि,राजनीतिक गलियारों में ही हलचल मच गई है l अखिलेश का वह बयान कौन सा है और उस बयान के क्या दूरगामी मायने हैं l
दरअसल,अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी को मिली भरपूर ताकत के चलते,आत्मविश्वास से पूरी तरह भरे हुए हैं l सहारनपुर से बसपा नेता हाजी के साथ तमाम बड़े नेताओं के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद अखिलेश यादव ने,समाजवादी पार्टी की मजबूती की बात कहीl उन्होंने कहा,कि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक,अपना पॉलिटिकल स्वास्थ्य सही करने में लगे हुए हैं,तो कैसे आखिरकार स्वास्थ्य सेवाएं सही होगी ? उनका निशाना,सीधे तौर पर “स्वास्थ्य मंत्री”, “बृजेश पाठक” और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर था l
अखिलेश यही नहीं रुके उन्होंने कहा,कि बृजेश पाठक खुद को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं और योगी की कुर्सी हासिल करना चाहते हैं l हाथरस कांड पर सरकार को घेरते हुए कहा,की समाजवादी पार्टी के शासनकाल में जो मेडिकल कॉलेज खोले गए थे उन मेडिकल कॉलेजस को खत्म कर,सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर रखा है l हाथरस में हुआ कांड,इस बात की तस्दीक पूरी तरह से करता है, की गवर्नमेंट की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है l शासन पर उंगली उठाते हुए अखिलेश ने बयान दिया,कि हाथरस कांड में अपनी जान गवा बैठे लोगों के परिवार को सरकार को पूरी मदद करनी चाहिए l
इन सब बयानों के बीच,अखिलेश यादव ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की लालसा को भी उजागर किया है l उन्होंने दोबारा दोहराया,बृजेश पाठक मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं l जिसके लिए वह अपने आकाओ को खुश रखने में कहीं भी पीछे नहीं रहते l मतलब साफ है,की जेल से रिहा होने के बाद,जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने योगी के हटाए जाने के संबंध में बयान दिया था,इस बयान को दोबारा,अखिलेश यादव ने दोहराकर,एक बार फिर सियासी भूचाल ला दिया है l फिलहाल,अखिलेश के इस बयान के क्या मायने अब बीजेपी निकालती है और बीजेपी की तरफ से क्या पलटवार,अखिलेश की लिए होता है ?यह तो समय की गत में है,लेकिन इस बयान से सियासी सरगरमियां जरूर बढ़ गई है l