2024 लोकसभा चुनाव में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा गरमाया रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 2006 में दिए एक बयान जिक्र कर विपक्षी पार्टी कांग्रेस को घेरा। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। पीएम मोदी के उस कमेंट पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे। हालांकि, मनमोहन सिंह ने इस पर 30 मई को चुप्पी तोड़ी, वो भी तब जिस समय लोकसभा चुनाव के फाइनल राउंड की वोटिंग होने जा रही। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पूरे मामले पर एक तरह से सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है।
पीएम मोदी को लेकर मनमोहन सिंह ने क्या कहा
मनमोहन सिंह ने ये बात लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज की वोटिंग से ठीक पहले कही। उन्होंने 30 मई को एक लेटर जारी किया। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक संवाद और प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है। अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी विशेष वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ऐसे घृणित, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। मनमोहन सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने सर्वाधिक नफरत फैलाने वाले द्वेषपूर्ण भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह विभाजनकारी प्रकृति के हैं।
मुस्लिम आरक्षण पर बीजेपी के लगाए आरोपों पर किया रिएक्ट
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने इसी पत्र में मुस्लिम आरक्षण को लेकर उन पर जो आरोप लगाए उस पर भी रिएक्ट किया। पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ‘अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के मकसद से इस तरह के द्वेषपूर्ण, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मेरे लिए कुछ गलत बयान भी दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। इस पर बीजेपी का एकमात्र कॉपीराइट है।
आखिरी फेज की वोटिंग से पहले मनमोहन सिंह का लेटर
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने कभी किसी समुदाय को विशेष सुविधा देने की बात कही थी। मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पंजाब के मतदाताओं को तीन पन्नों चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने कहा कि मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चाओं पर बारीकी से नजर रख रहा हूं। मोदी जी ने सबसे ज्यादा नफरत भरे भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत के लोग यह सब देख रहे हैं। अमानवीकरण की यह कथा अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे राष्ट्र को इन विभाजनकारी ताकतों से बचाएं।