एक तरफ अखिलेश यादव पिछ पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यकों की बात लगातार अपने एजेंडे की तरह,जनता के सामने ला रहे हैं,तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश को लेकर बची हुई सीटों को लेकर,लिस्ट जारी किए जाने का इंतजार,भाजपा नेताओं को बेसब्री से है l इसी बीच मायावती बार-बार यह कह रही हैं, कि वह ना तो हुई इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेगी और ना ही एनडीए गठबंधन का l यही नहीं मायावती बार-बार कह चुकी है,कि वह अपने अकेले दम पर ही चुनाव लड़ेंगी,लेकिन मायावती के टूटे जनाधार और इंडिया गठबंधन और एनडीए की मजबूती के बीच में,मायावती के सुर इतने मजबूत क्यों दिख रहे हैं ? इसके पीछे की वजह क्या है और अपने कोर वोटरों के साथ-साथ,मायावती को किस कौम का साथ मजबूती के साथ मिल रहा है ? दरअसल रुहेलखंड मंडल को लेकर बीजेपी में जहां एक तरफ बरेली,पीलीभीत और बदायूं की सीट गले की फांस बना हुआ है और अखिलेश यादव ने अपनी प्लानिंग रुहेलखंड को लेकर इतनी मजबूत नहीं बनाई है l तभी मायावती ने पहले ही नहले दहला मारते हुए,अपने मजबूत उम्मीदवारों की घोषणा,लगभग लगभग कर ही दी है l
बसपा का यह पारंपरिक एजेंडा रहा है,कि वह जिनको प्रभारी बनाती है,उन्हीं को टिकट देती है l इस बात के जरिए,कयास लगाए जा रहे हैं,की रुहेलखंड में आखिरकार क्या नए समीकरण बन रहे हैं ? दरअसल,इन सीटों पर एनडीए और इंडिया अलायंस ने अभी तक उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है l बात पीलीभीत की करें तो साल 2019 में,भारतीय जनता पार्टी के वरुण गांधी ने,समाजवादी पार्टी के हेमराज वर्मा को हराया था l उस चुनाव में सपा और बसपा का अलायंस था l मौजूदा चुनाव के संदर्भ में बसपा ने पीलीभीत लोकसभा सीट से अनीश अहमद खान उर्फ फूल बाबू को प्रभारी बनाया है l साल 2012-17 के दौरान बसपा सरकार में वह मंत्री थे l अनीश अहमद खान उर्फ फूल बाबू बीसलपुर से चार बार के विधायक रह चुके हैं l
सहारनपुर लोकसभा सीट पर बसपा प्रभारी नियुक्त किए गए माजिद अली के बारे में दावा है कि,देवबंद क्षेत्र में मुसलमानों पर प्रभाव है l उनकी पत्नी तसनीम बानो सहारनपुर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं lमुरादाबाद में बसपा ने इरफान सैफी को प्रभारी नियुक्त किया है l वह ठाकुरद्वारा नगर पंचायत के चेयरमैन हैं l उन्होंने साल 2023 के नगर निकाय चुनाव में सपा उम्मीदवार इरफान अंसारी को हराया था l
अमरोहा में बसपा ने पेशे से डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को प्रभारी बनाया है l उनकी पत्नी डासना नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं l साल 2019 में अमरोह लोकसभा सीट पर,बसपा के दानिश अली ने बीजेपी के कंवर सिंह तंवर को हराकर अमरोहा सीट जीती थी l हालांकि दानिश को बसपा ने बीते साल पार्टी से निष्कासित कर दिया था l माना जा रहा है,कि अमरोहा से कांग्रेस दानिश अली को और मुरादाबाद से सपा एसटी हसन को प्रत्याशी बना सकती है l अभी तक इन सीटों पर सपा और कांग्रेस ने एलान नहीं किया है l यानी बनते बदलते समीकरण में,मायावती ने जहां एक तरफ एससी/एसटी वोटर को लेकर अपनी पार्टी को आश्वस्त देखा है,तो वही अब रुहेलखंड में अपने मजबूत उम्मीदवारों को उतार कर मुस्लिम ट्रंप कार्ड भी खेलने की कोशिश की है l चार तगड़े मुस्लिम उम्मीदवार बसपा की तरफ से मायावती ने उतार कर, जहां अकेले अपने दम पर ही चुनाव लड़ने की हनक,सपा कांग्रेस और भाजपा सभी को दिखा दी है,तो वही दलितों के साथ-साथ अब मुस्लिम वोटरो में खास जगह बनाने वाले,चार मुस्लिम उम्मीदवार,अब मायावती के मजबूत किले को दर्शा रहे हैं lजिससे भाजपा,सपा,और कांग्रेस सभी की नींद उड़ गई है और मायावती ने एक बार फिर साबित कर दिया है,की माया की काया की यही है,असली परिभाषा !