लोकसभा चुनाव से पहले,जहां मायावती खामोश बैठी हुई थी l यहां तक की,उन्होंने सक्रिय राजनीति से पीछे हटते हुए,अपने भतीजे आकाश आनंद को ही उत्तराधिकारी बना दिया था,लेकिन 2024 के चुनाव के बाद,मायावती अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बेहद सक्रिय नजर आ रही है,तो वहीं अब मायावती अपने बयानों से भी आक्रामक दिख रही है l मायावती ने क्यों अपना पुराना रूप दिखाना शुरू किया है और क्या आने वाले चुनाव में मायावती अपने पुराने फॉर्म में नजर आने वाली है और क्यों मायावती ने अब एक विवादित बयान दे डाला है ? मायावती ने किसको कहा शैतान की औलाद ? दरअसल,बसपा प्रमुख मायावती ने हरियाणा में चुनावी रैली के दौरान जातिवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया l उन्होंने कहा कि,जातिवाद को बढ़ावा देने वाले लोग,संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं l मायावती ने एससी-एसटी समुदाय के लिए ‘हरिजन’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहा,कि यह शब्द अपमानजनक है l उन्होंने बताया,कि 1997 के एक सम्मेलन में उन्होंने ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग करने के लिए,सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी l मायावती ने जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने की अपील करते हुए, सभी से संविधान के सिद्धांतों का पालन करने की बात कही l
मायावती ने कहा, ”उन्हें बाबा साहेब के बारे में तो जानकारी है लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए,कि एससी/एसटी के लिए किस शब्द का इस्तेमाल किया गया है ? उन्होंने पुराने वाक्य को जिक्र करते हुए कहा,मुझे याद है,कि 1977 में जब मैं कानून की पढ़ाई कर रही थी, तब मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में एलएलबी प्रथम वर्ष की छात्रा थी l 1977 में जनता पार्टी सत्ता में आई और उन्होंने कहा था,कि वे बाबू जगजीवन राम को देश का प्रधानमंत्री बनाएंगे,जिन्हें कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया और जनता पार्टी ने भी नहीं बनाया l
उन्होंने आगे कहा, “1977 में दलित वर्ग के लोग, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग पूरे देश में बहुत नाराज थे l उस समय उन्होंने दिल्ली में तीन दिन का ‘जाति तोड़ो सम्मेलन’ रखा और उसमें मुझे उन्होंने बोलने के लिए बुलाया और जब मैं उस सम्मेलन में बोलने के लिए गई,तो वहां पर जितने भी जनता पार्टी के नेता थे, वो बार-बार हरिजन शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे l
मैंने उनको कहा,कि एक तरफ तो आप जाति की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ आप हरिजन कह रहे हैं अगर हम इसको सकारात्मक रूप में लें,तो हरी का मतलब ईश्वर होता है…..हम तो ईश्वर की औलाद होंगे, बाकी लोग क्या शैतान की औलाद हैं? भले ही हरियाणा विधानसभा के चुनाव के मौके पर,चुनावी रैली में मायावती ने यह बयान दिया हो,लेकिन कहीं ना कहीं मायावती ने राजनीतिक ध्रुवीकरण के चलते,अपने वोट बैंक को सुधारने और अपनी पार्टी को मजबूती देने के उद्देश्य से इस तरह की बयानों की शुरुआत,अब हरियाणा से कर दी है l मतलब साफ है,कि जो माया अब तक सोशल मीडिया पर सक्रिय नजर आ रही थी l वह अब जनता के बीच जा जाकर,दलितों की आवाज को उठा रही है और दलितों को जागरूक करने के लिए,प्रदेश और केंद्र सरकारों की आलोचना करती दिख रही है l