लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद सूबे की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिल रही है l प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच जो अदावत की खबरों पर चर्चा कभी राजनीतिक गलियारों में दबे जबान होती थी,अब वो खुले मंच पर दिखाई दे रही हैं l सीएम और डिप्टी सीएम के अदावत की खबरों के बीच,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद और बरेलीमंडलकेविधायक-एमएलसी के साथ,अलग-अलग बैठक की और उनकी समस्याओं को भी सुना,लेकिन इस बैठक के बाद, हार के कुछ कारण के साथ-साथ अहम बिंदुओं का भी पता चला है l जिसके बाद,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब क्या एक्शन लेने वाले हैं ?
जानकारी के मुताबिक,अफ़सरों द्वारा जन प्रतिनिधियों की कथित अनदेखी की मिली शिकायतों पर सीएम योगी ने संज्ञान लिया है l सीएम ने विधायकों से इस संबंध में मुलाकात की और उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिया है lसीएमनेकहा,किविधायक-सांसद पक्के सबूत के साथ अफ़सरों की शिकायत करेंगे,तो कार्रवाई की जाएगी l उन्होंने ये भी कहा,कि शिकायत में सच्चाई होगी तो तत्काल कार्रवाई होगी l उन्होंने क्षेत्र में जनता से संवाद बनाए रखने की मजबूत नसीहत भी दी है और जनता की समस्याओं के लिए,संवेदनशील रहने के निर्देश दिए हैं l बता दें कि अधिकारियों को लेकर विधायक एक-एक करके मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं या फिर विधायक चिट्ठियों के जरिए मुख्यमंत्री को शिकायत भेज रहे हैं l सहयोगी दलों के बड़े नेता भी योगी सरकार से अफसरशाही की शिकायत कर रहे हैं l
अफसर को लेकर नेताओं और विधायकों में नाराजगी है और वह चिट्ठियों और मीडिया के माध्यम से,यह नाराजगी जाहिर भी कर रहे हैं,लेकिन ज्यादातर मंडलों की समीक्षा मीटिंग में आगे के रोड मैप पर ज्यादा जोर है l विधानसभा का 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव सिर पर है और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर,अभी से योगी का निगरानी तंत्र मजबूत हो चुका है l मतलब साफ है,कि लोकसभा चुनाव में मन माफिक सीट न मिलने से,योगी सरकार पर ही उंगलियां उठ रही है l जिसके जवाब में योगी,अब बड़ी ही शालीनता के साथ,विधायक और सांसदों के साथ खड़े हैं और लापरवाही बरतने वाले,अफसरो को पहले हिदायत और न मानने पर एक्शन की बात दोहरा रहे हैं l