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एक ने मांगा था इस्तीफा तो दूजे ने छोड़ा था 17 साल पुराना साथ… जानिए नायडू-मोदी-नीतीश के रिश्तों की दिलचस्प कहानी

India Junction News Bureau

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Published: June 5, 2024 5:49 pm

एक ने मांगा था इस्तीफा तो दूजे ने छोड़ा था 17 साल पुराना साथ... जानिए नायडू-मोदी-नीतीश के रिश्तों की दिलचस्प कहानी

एक ने मांगा था इस्तीफा तो दूजे ने छोड़ा था 17 साल पुराना साथ… जानिए नायडू-मोदी-नीतीश के रिश्तों की दिलचस्प कहानी

नरेंद्र मोदी को बतौर प्रधानमंत्री पांच साल सरकार चलानी है तो उन्हें चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ की जरूरत होगी. वो इसलिए क्योंकि 2014 और 2019 में अपने दम पर बहुमत लाने वाली बीजेपी इस बार 272 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी. 543 सीटों वाली लोकसभा में सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 272 सीटें चाहिए. बीजेपी के पास इस बार 240 सीटें ही हैं. हालांकि, एनडीए के पास 292 सीटें हैं, जो बहुमत से 20 ज्यादा है.एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है. इसके बाद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) है, जिसके 16 सांसद हैं. तीसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जेडीयू है, जिसके पास 12 सीट हैं. यानी, नायडू और नीतीश के पास कुल 28 सांसद हैं. लिहाजा, एनडीए की सरकार बनी रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोनों का साथ बहुत जरूरी है.

अभी तक तो टीडीपी और जेडीयू, दोनों ही एनडीए के साथ होने की बात कह रहे हैं. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू, दोनों ही एनडीए की बैठक में शामिल होंगे.एन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार, दोनों के ही रिश्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. दोनों ही एनडीए का साथ छोड़ चुके थे और लोकसभा चुनाव से ऐन पहले ही वापस गठबंधन में शामिल हुए थे. ऐसे में जानते हैं कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के पीएम मोदी से कैसे रिश्ते रहे हैं.

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मालूम हो मोदी और नीतीश के बीच रिश्ते काफी पहले से ही उतार-चढ़ाव भरे रहे थे. नीतीश को डर बना रहता था कि मोदी का साथ उनके वोटरों को नाराज न कर दे. इसलिए 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार में मोदी को प्रचार करने के लिए आने नहीं दिया था. इसके बाद 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी नीतीश ने मोदी को बिहार में प्रचार करने नहीं दिया था.

जून 2010 में पटना में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी थी. इससे पहले पटना के अखबारों में विज्ञापन छपे, जिसमें नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाते हुए दिखाया गया था. इससे नीतीश इतने नाराज हुए कि उन्होंने बीजेपी नेताओं के लिए डिनर का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था. इतना ही नहीं, इसके बाद नीतीश ने कोसी बाढ़ राहत के लिए गुजरात सरकार से मिला पांच करोड़ रुपये का चेक भी लौटा दिया था.

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