पहले राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान,पलवी पटेल ने अपना गुस्सा जाहिर किया था और सपा के कैंडिडेट को वोट न देने की बात कही थी l तभी से शुरू हो गया था,एक अलग गठबंधन बनने का वह कैनवास जो अब अखिलेश यादव को अखर रहा था l अखिलेश ने कांग्रेस से समझौता किया,पल्लवी पटेल चंद्रशेखर आजाद,सलीम शेरवानी और समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे चुके स्वामी प्रसाद मौर्य सरीखे, सभी नेताओं को झटका दे दिया lजैसे ही गठबंधन टूटा,पल्लवी पटेल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधना शुरू कर दिया था l उन्होंने कहा था,सपा के 2017 में 47 विधायक जीते l साल 2022 में ओम प्रकाश राजभर जी उनके साथ आए, संजय चौहान, केशव देव मौर्या, जयंत चौधरी, राजमाता कृष्णा पटेल साथ आए,तब सपा में विधायकों का परिवार,47 से 111 हुआ और 34 प्रतिशत वोट सपा को मिले l इसके बाद समाजवादी पार्टी को लगने लगा,कि 34 प्रतिशत वोट उनके पास हैं और अब उनको को किसी की जरूरत नहीं है l बस यही अखिलेश की सबसे बड़ी गलतफहमी थी l इधर पलवी पटेल ने अखिलेश का साथ छोड़ा और अपना कल कमेरावादी का एक नया गठबंधन,पीडीएम तैयार कर लिया l लेकिन अब पलवी पटेल,अखिलेश यादव को कौन सा बड़ा सियासी झटका देने जा रही है,जिससे लोकसभा चुनाव 2024 की सियासत की बिसात पर,अखिलेश को गहरा सदमा लग सकता है ?
दरअसल पिछले दिनों पल्लवी पटेल की पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूट गया था l माना जा रहा है,कि अब पल्लवी पटेल सपा के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी कर रही हैं l इसलिए ही उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करने का फैसला किया है l इस गठबंधन के ऐलान के बाद,AIMIM और अपना अपना दल कमेरावादी लोकसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ेंगे l पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव में हाथ मिला लिया है l अपना दल कमेरावादी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी “ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन” के बीच अब गठबंधन हो चुका है l कल करीब 2 बजे लखनऊ में पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की तरफ से साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर,इसका ऐलान भी कर दिया गया l भले ही यह ऐलान,आम लोगों को इतना खास ना लगता हो l लेकिन सियासत की बिसात पर अखिलेश की पीडीए फार्मूले में पूरी तरह से सेंधमारी की तैयारी हो चुकी है l यह हम नहीं बल्कि जातिगत समीकरण कह रहे हैं l
दरअसल,यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM और कुर्मी बहुल्य सीटों पर अपना दल कमेरावादी चुनावी मैदान में खड़ें होंगे l मिली जानकारी के मुताबिक, 3 दिन पहले ही पल्लवी पटेल ने हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात भी की थी l पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी के एक साथ गठबंधन करने से,उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ पिछड़ा और मुस्लिम वोट का ध्रुवीकरण सीधे तौर पर होना तय है,जिसका सीधा नुकसान अखिलेश के पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यक कार्ड पर शत प्रतिशत पड़ने की आशंका जताई जा रही है l अब ऐसे में बगावत का दश झेल रहे अखिलेश यादव को,जिस तरह से राज्यसभा चुनाव के दौरान बड़े झटके से गुजरना पड़ा,तो वहीं आजदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी के मिलने से,अब अखिलेश के पीडीए फार्मूले को भी गुजरना गहरे सदमे से गुजरना पड़ सकता है l