इस समय भारतीय राजनीति में लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ नेताओं की तस्वीर और तकदीर भी धीमे-धीमे बदलती जा रही है l तकदीर की अगर बात करें,तो कहीं किसी नेता की तकदीर मजबूती के साथ आगे कदम बढ़ा रही है,तो कहीं बड़े से बड़े नेताओं की बोलती बंद नजर आ रही है l वही बात की जाये उत्तर प्रदेश की दो हाई प्रोफाइल सीटों रायबरेली और अमेठी पर सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. वह केवल चुनाव प्रचार करेंगी. वही खबर ये भी थी कि वरुण बहन प्रियंका से मुक़ाबला करेंगे लेकिन वरुण ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है
वहीं, राहुल गांधी के अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कल तक फैसला आ सकता है. इससे पहले खबर थी कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली सीटों से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. कहा जा रहा था कि इन सीटों पर उम्मीदवारी के ऐलान से पहले प्रियंका और राहुल अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर सकते हैं.
इससे पहले कहा जा रहा था कि अमेठी और रायबरेली जाने से पहले राहुल और प्रियंका अयोध्या जा सकते हैं, जहां वे रामलला के दर्शन करेंगे.2019 के चुनावों में राहुल गांधी को अमेठी सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी ने चुनाव में हराया था. हालांकि वो वायनाड सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें हैं. 2022 के चुनाव में अमेठी और गौरीगंज से समाजवादी पार्टी अपने दो विधायक बनाने में कामयाब रही थी जबकि सलोन सीट पर बहुत ही मामूली वोटों से हार गई थी. बीजेपी अमेठी में अपने तीन विधायक बनाने में सफल रही थीसोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा. वे 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ी थीं और जीत हासिल की थी. उसके बाद 2004 में वो पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ीं और जीतीं. सोनिया गांधी कुल पांच बार सांसद चुनी गईं. रायबरेली के साथ दशकों के पारिवारिक संबंधों को छोड़कर जब सोनिया ने राज्यसभा जाने का फैसला किया तो वो काफी भावुक नजर आई थीं.