लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को झटका देने वाले तमाम विधायकों के साथ-साथ बीजेपी को भी लग रहा था,कि अखिलेश की साइकिल का पहिया पंचर हो जाएगा l चुनाव हुए और अखिलेश भैया की साइकिल दोगुनी स्पीड के साथ दौड़ गई l उत्तर प्रदेश की 37 सीटों पर विजय हासिल कर,देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर अखिलेश की सपा चमक उठी l लेकिन सवाल यह उठा की, राज्यसभा चुनाव के दौरान जिन विधायकों ने अखिलेश को धोखा दिया था,उनका भविष्य क्या होगा? आज की इस रिपोर्ट में उन्ही विधायकों का हाल क्या है ?
दरअसल,उत्तर प्रदेश में हुए,राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सात विधायक राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडे, अभय सिंह, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या ने,भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में,क्रास वोटिंग कर,सपा के उम्मीदवार को हरवा दिया था l इनमें पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे समेत सपा के सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने बगावत का बिगुल सबसे पहले फूंका था l पल्लवी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन है l
पर राजनीतिक रूप से दोनों परस्पर विरोधी भी है l पल्लवी ने साइकिल पर सवार होकर,कौशांबी जिले की सिराथू सीट पर 18वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री रहे केशव मौर्य को हराया l इसलिए वे सदन में सपा की ही विधायक हैं l बागी विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिए बिना ही,लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का साथ दिया था l इनके इलाकों में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार हार गए l भाजपा के लिए ये बोझ बन गए हैं l
उधर,अखिलेश यादव ने संकेत दिया है,कि पार्टी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर,इन सबकी सदस्यता समाप्त कराएगी l अखिलेश सरकार में मंत्री रहे नारद राय भी गच्चा खा गए l लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़ वे भाजपा में शामिल हुए थे,पर भाजपा उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव नही जिता पाने के कारण वह भी असमंजस की स्थिति में है l कुल मिलाकर,बागी विधायकों ने जिस तरह से अखिलेश का साथ छोड़ा था l अखिलेश की बढ़ती ताकत के आगे,अब उन्ही बागी विधायकों पर,कार्यवाही की तलवार लटकती दिख रही है l