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रतन टाटा का आखरी सलाम , दे गया सबको एक पैगाम l

India Junction News Bureau

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Published: October 10, 2024 5:12 pm

रतन टाटा दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मानद प्रमुख थे l रतन टाटा एक वो शक्श थे , जिन्हें भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला l लेकिन हम आज उनके बारे में या उनके जीवन को लेकर बात क्यूँकर रहे हैं , दरसल… रतन टाटा एक भारतीय उद्योगपति और परोपकारी व्यक्ति थे l जिनका जन्म ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे ( मुंबई) में 28 दिसंबर 1937 को एक पारसी परिवार हुआ था l वे नवल टाटा के बेटे थे , जिनका जन्म सूरत में हुआ था l और बाद में उन्हें टाटा परिवार ने गोद ले लिया l सन 1948 में, जब टाटा 10 वर्ष के थे l उनके माता-पिता अलग हो गए , और बाद में उनका पालन-पोषण नवाजबाई टाटा , उनकी दादी और रतनजी टाटा की विधवा ने किया और उन्हें गोद ले लिया l और इस्सी तरह से रतन टाटा का पालन पोषण शुरू हो गया l उन्होंने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल , शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और न्यूयॉर्क शहर के रिवरडेल कंट्री स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखी , जहाँ से उन्होंने 1955 में स्नातक किया। [ हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद, टाटा ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया , जहाँ से उन्होंने 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की। ] कॉर्नेल में रहते हुए, टाटा अल्फा सिग्मा फी बिरादरी के सदस्य बन गए । 2008 में, टाटा ने कॉर्नेल को 50 मिलियन का उपहार दिया , जो विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दाता माना गया l

सन 1970 के दशक में रतन टाटा को टाटा समूह में प्रबंधकीय पद दिया गया , वहीँ उन्होंने टाटा नैनो कार के विकास की अवधारणा भी तैयार की और उसका नेतृत्व भी किया , जिससे कारों को औसत भारतीय उपभोक्ता की पहुँच में आने लायक कीमत पर लाने में मदद मिली। टाटा मोटर्स ने तब से गुजरात में अपने साणंद प्लांट से टिगोर इलेक्ट्रिक वाहनों का पहला बैच शुरू किया है , जिसे टाटा ने “भारत के इलेक्ट्रिक सपने को तेजी से आगे बढ़ाने” के रूप में वर्णित किया l रतन टाटा जी के अगर व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और उनके कोई बच्चे भी नहीं थे , न ही उन्होंने किसी बच्चे को गोद लेना का सोचा l 2011 में उन्होंने कहा, “मैं चार बार शादी करने के करीब पहुंचा और हर बार डर के मारे या किसी न किसी कारण से पीछे हट गया। वही बताया ये भी जाता है , की वह अपने निजी सहायक शांतनु नायडू के बहुत करीब थे , सांतनु नायडू एक भारतीय उग्घ्मी लेखक और व्यवसाय कार्यकारी हैं l जो टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के निजी सहायक के रूप में जाने जाते हैं l रतन टाटा जी के जीवन में हासिल की हुई उपलब्धियों की अगर हम बात करें तो रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण मिला l जो भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा और दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है l टाटा को महाराष्ट्र में सार्वजनिक प्रशासन में उनके काम के लिए 2006 में ‘ महाराष्ट्र भूषण ‘ और असम में कैंसर देखभाल को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए 2021 में असम बैभव ‘ जैसे विभिन्न राज्य नागरिक सम्मान भी मिले हैं ।

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जीवन में इतना सम्मान अगर उन्हें मिला तो वो उनकी कड़ी मेह्नानत का नितिजा था l जिसके चलते उन्हें इतने बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया l लेकिन साल 2024 उनके जीवन का आखिरी साल माना गया l टाटा को गंभीर हालत में ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था l और 7 अक्टूबर 2024 से गहन देखभाल में थे। 9 अक्टूबर 2024 की रात को 86 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। और वो हमे अपना आखिरी अलविदा दे गये l तो वहीँ बताया जा रहा है , की दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा के लिए भारत रत्न की मांग उठ रही है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने रतन टाटा के लिए भारत रत्न की मांग की है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) पार्टी नेता राहुल कनाल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखकर भारत रत्न के लिए रतन टाटा का नाम केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया है। वहीँ उनकी आत्मा कि शांति वा उनके सम्मान में उनकी मृत्यु के बाद महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक दिन के शोक की घोषणा की गई ।

वहीँ बतया जा रहा है की , टाटा स्टील के अंतरिम चेयरमैन व पद्य विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के जन्मदिन के मौके पर एक एलबम का निर्माण किया जा रहा है l जिसका नाम ‘भारत रत्न-2 है। इस एलबम का पोस्टर बिष्टुपुर स्थित टाटा वर्कर्स यूनियन प्रांगण में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रतन टाटा पूरे देश के महान विभूति है।

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