India Junction News

आ गया अग्नि परीक्षा का समय l अखिलेश सहयोगी कौन है जनता की पसंद ?

India Junction News Bureau

Author

Published: October 25, 2024 1:44 pm

लोकसभा चुनाव के बाद हो रहे विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने 7 प्रत्याशियों की घोषणा करने के साथ,चुनावी आगाज को अंजाम देने की तरफ आगे बढ़ा दिया है l ऐसे में अखिलेश यादव ने भी कुछ ऐसा पहले ही कर दिया है,जिससे जातीय समीकरण के आधार पर इस अग्नि परीक्षा को पास करना अखिलेश के लिए आसान होगा l बीजेपी और अखिलेश के बीच में समीकरणों की दौड़ में,अखिलेश ने कौन से ऐसे समीकरण पर बाजी मारी ? जिसको लेकर भाजपा भी हैरत में पड़ गई है और अखिलेश ने कौन सा ऐसा किला बनाया है ? जिससे पिता मुलायम सिंह यादव के करीबी भी,अखिलेश की तरफ आकर्षित होना शुरू हो चुके हैं l दरअसल सपा के बाद अब बीजेपी और बसपा ने भी कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं l समाजवादी पार्टी ने गाजियाबाद और खैर सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है l समाजवादी पार्टी उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है l यही वजह है,कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक-एक सीट पर जातीय समीकरण समेत सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है समाजवादी पार्टी ने कई सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समय के नेताओं के बेटे-बेटी या उनकी बहू को टिकट देकर,नई जनरेशन के नेताओं को लांच कर दिया है l दरअसल यूपी में करहल, खैर, गाजियबाद, सीसामऊ, कटेहरी समेत,कुल 9 विधानसभा सीट उपचुनाव होने जा रहे हैं l इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है l समाजवादी पार्टी ने अधिकतर सीट पर कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं l सपा लोकसभा चुनाव के परफॉर्मेंस को यूपी उपचुनाव में दोहराना चाहती है l इसीलिए अखिलेश यादव ने अधिकतर सीट पर ऐसे नेताओं पर दांव खेला है,जो जातीय समेत सभी समीकरणों में फिट बैठे हैं l साथ ही जिन नेताओं का अपना खुद का क्षेत्र में प्रभाव है l इसमें कई उम्मीदवार किसी बड़े नेता के बेटे या बहु है, या फिर किसी नेता की पत्नी हैं l

सपा ने अखिलेश यादव की करहल सीट से मुलायम सिंह यादव के पोते और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है l सपा ने कटेहरी सीट से सपा सांसद और वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को उम्मीदवार बनाया है l लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर सीट से सांसद बनने के बाद कटेहरी सीट खाली हो गई थी l इसी तरह मिर्जापुर की मझवां सीट से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी को कैंडिडेट घोषित किया है l कानपुर की सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है l सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद ये सीट खाली हो गई थी, जिसपर अब उपचुनाव हो रहा है l सपा ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है l हालांकि इस सीट पर अभी चुनाव नहीं होना है l मीरापुर सीट से पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा को कैंडिडेट बनाया है l इस तरह समाजवादी पार्टी ने 9 में से 4 से 5 नई जनरेशन के नेताओं को टिकट थमाया है, जबकि कुल 5 सीट पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है l साथ ही सपा की उम्मीदवारों की लिस्ट में पीडीए का फार्मूला भी देखने को मिला है l सपा ने कुल 10 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं l जिसमें सबसे ज्यादा 4 मुस्लिम को टिकट दिया है l तीन पिछड़ों, दो दलित और एक यादव को प्रत्याशी घोषित किया है l समाजवादी पार्टी उपचुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी, इसीलिए ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है,जो खुद या तो क्षेत्र में प्रभावशाली हैं या फिर उनके परिवार वाले क्षेत्र में अच्छी खासी पैठ रखते हैं l इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देकर सपा उस सीट पर सहानुभूति बटोरना चाहेगी l

यह भी पढ़ें :   पल्लवी का गुप्त प्लान,पूर्वांचल में मचाएगा घमासान !

मतलब साफ है कि इस विधानसभा उपचुनाव को सपा और बीजेपी ने अपनी प्रतिष्ठा का चुनाव बना लिया है, इसलिए दोनों दलों ने जिताऊ उम्मीदवार उतारे है l उम्मीदवारों के चयन में सपा ने जातीय समीकरण समेत सभी समीकरण देख कर कैंडिडेट उतारे हैं l लोकसभा चुनाव के बाद हो रहे उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी बीजेपी को शिकस्त देने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है l क्योंकि यही विधानसभा उपचुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट होगा और इस लिटमस टेस्ट को जितनी बखूबी कोई निभाएगा l जनता की नजर में आंखों का तारा वही माना जाएगा l क्योंकि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करते हुए अखिलेश यादव ने देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी का तमगा हासिल किया,उससे भाजपा की परेशानी और परेशानी दोनों ही बढ़ चुकी है और अब ऐसे में जहां एक तरफ इंडिया गठबंधन की कमान अखिलेश के हाथों में है,तो एनडीए गठबंधन की कमान योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में बखूबी संभाल रहे हैं l अब देखना यह है,कि इस अग्नि परीक्षा को पार करना अखिलेश के लिए आसान होगा या फिर योगी के लिए मुमकिन l

विज्ञापन

विज्ञापन

Scroll to Top