उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव 2024 में जितना बेहतर प्रदर्शन किया,उतना बेहतर प्रदर्शन अब शायद ही कहीं देखने को मिल पा रहा है l जिस समाजवादी पार्टी ने 30 सीटों के साथ,देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा ठोक दिया,तो वहीं अन्य राज्यों में समाजवादी पार्टी की स्थिति मजबूती की तरफ क्यों नहीं बढ़ पाती ? आखिर समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के बीच ऐसा कौन सा पेच लगातार फसता है,जिससे समाजवादी पार्टी के पैर अन्य प्रदेशों में नहीं फेल पाए ?कुछ ऐसा ही माजरा हरियाणा विधानसभा चुनाव में देखने को मिल गया है,लेकिन देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी का दंभ भरने वाले अखिलेश दूसरे राज्यों में क्यों फीके पड़ जाते हैं ? दरअसल बीजेपी ने सारे दावों और समीकरणों को ध्वस्त करते हुए हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगा दी है l वहीं, सपा-कांग्रेस समेत सभी दलों के अलग होकर चुनाव लड़ने की एक मुख्य वजह सीटों पर सहमति न बनना माना जा रहा है l
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी को सीट नहीं दी है l आखिर ऐसी क्या वजह है कि यूपी में दमदार अखिलेश यादव के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले राहुल गांधी अन्य राज्यों में अखिलेश को बैसाखी का सहारा भी नहीं देती है l जम्मू कश्मीर में सपा 20 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन 16 सीटों पर 500 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई l यूपी के अलावा अन्य राज्यों में प्रमुख पार्टी कांग्रेस ही है l कांग्रेस से ही सपा को सीटों की दरकार रहती है l कांग्रेस का बरसों से ऐसा व्यवहार रहा है,कि अगर कोई दल बहुत मजबूत स्थिति में होता है l तभी उससे समझौता करती है,वरना सबको अपने अंडर में रखना चाहती है l इसी रणनीति पर कांग्रेस काम करती है l संगठनात्मक रूप से समाजवादी पार्टी अन्य राज्यों में मजबूत नहीं है l
सपा की स्थापना करने वाले मुलायम सिंह यादव मूल रूप से यूपी के रहने वाले थे,इसलिए यूपी में ही उनका अच्छा खासा जनाधार था l यूपी में कई बार सरकार बनने के बाद उन्होंने अन्य राज्यों में अपनी पार्टी का विस्तार करने का सोचा l इसी क्रम में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में सपा ने चुनाव लड़ा और सपा के सिंबल पर चुनाव जीतकर कैंडिडेट विधानसभा भी पहुंचे, लेकिन जिस तरीके से सपा अपने मूल वोट बैंक मुस्लिम यादव के बल पर यूपी में अपना जनाधार बढ़ा लिया था, उसी तरह से अन्य राज्यों में अपना जनाधार नहीं बढ़ा पाई l इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अन्य राज्यों में कांग्रेस समाजवादी पार्टी को किनारा करती दिखती है जिससे अखिलेश का ख्वाब पूरे नहीं हो पा रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं अखिलेश ने इसी की तैयारी करते हुए अब कांग्रेस को भी जोर का झटका जहां एक तरफ धीमे से दिया था अपने 6 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा तो वही कांग्रेस से समझौता करना भी अखिलेश की मजबूरी है l