इस समय अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन की तरफ से हर जगह बयान देते नजर आ रहे हैं राहुल एक हद तक खामोश बैठे हुए लेकिन ऐसे में राहुल खामोश क्यों बैठे हैं और इसके पीछे की असली वजह क्या है और हाई कोर्ट में राहुल को लेकर ऐसा क्या कुछ चल रहा है जिससे राहुल की हैरानी और परेशानी दोनों इस समय बड़ी हुई है , दरअसल उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दाखिल जनहित याचिका में भारत सरकार से निर्णय के बारे में पूछा है l जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय को इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया है l कोर्ट में याचिकाकर्ता कर्नाटक के एस.विग्नेश शिशिर ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दावा किया कि,उन्होंने ही PIL दायर की हैl लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सीट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता मामले पर सुनवाई के दौरान लखनऊ हाई कोर्ट बेंच ने भारत सरकार से उसके प्रस्तावित स्टेटस के बारे में पूछा l
राहुल की भारतीय नागरिकता को रद्द किए जाने की मांग पर स्पष्ट कहा,कि हम पहले भारत सरकार का निर्णय जानना चाहेंगे l इस मामले में 30 सितंबर को अगली सुनवाई होगी l कर्नाटक के निवासी भाजपा नेता एस.विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर यह याचिका दायर की थी l जून में रायबरेली लोकसभा से निवार्चन को चुनौती देते हुए,इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में 3 महीने पहले एक जनहित याचिका दायर की गई l याचिका में कहा गया,कि राहुल गांधी भारत की बजाय ब्रिटेन के नागरिक हैं l इस आधार पर उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है l इसी मामले को लेकर को भी कोर्ट में सुनवाई हुई l
विग्नेश ने याचिका में लोकसभा स्पीकर से मांग की थी,कि राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में कार्य की अनुमति तब तक ना मिले, जब तक गृह मंत्रालय की तरफ से उनकी विदेशी नागरिकता के मुद्दे का निपटारा नहीं हो जाता l याचिका में यह भी पूछा गया है,कि राहुल गांधी किस कानूनी अधिकार के तहत लोकसभा सदस्य के रूप मे काम कर रहे हैं ? याचिका में सूरत की एक अदालत से राहुल गांधी को दो साल की हुई सजा का भी जिक्र कर कहा गया है जिसमें कहा गया है,लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत राहुल सांसद चुने जाने के अयोग्य हैं l फिलहाल इस मामले में अब फैसला हाई कोर्ट को सुनाना है और हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सुझाव मांगा है l अब ऐसे में अगर राहुल को लेकर यह मामला राहुल के पक्ष में ना आकर विरोध में आता है,तो निश्चित तौर पर राहुल के लिए बहुत बड़ी मुश्किल भी खड़ी हो सकती है l