लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे l इन चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था और इस सेमीफाइनल में भारतीय जनता पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए,लगभग लगभग सभी राज्यों में जीत हासिल की,लेकिन भाजपा का विजय रथ जिस तरह से आगे बढ़ रहा था lउसी तरह से इंडिया गठबंधन भी अपनी एकता का संदेश देता दिख रहा था,लेकिन इंडिया गठबंधन के दो मुख्य घटक दल,कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच पांच राज्यों में हुए इन्हीं विधानसभा चावन में खुलकर बगावत भी सामने आ गई थी और इस बगावत के प्रणेता दो नाम थे l समाजवादी पार्टी की तरफ से,अखिलेश यादव और कांग्रेस की तरफ से,अजय राय lअजय राय और अखिलेश यादव में तीखी नोंकझोंक और तमाम तरह की बयानबाजी भी जनता ने खूब देखा,लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता गया और मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव खत्म हुए l तब से अखिलेश यादव लगातार,इंडिया गठबंधन को मजबूती देने में लग गए lआखिरकार कांग्रेस से बात बनी और सीटों का बंटवारा भी हो गया,लेकिन अखिलेश और अजय राय नजदीक नहीं आए l इस बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर एक समन्वय बैठक कल की l इस समन्वय बैठक का मुख्य उद्देश्य,चुनावी रणनीतियों को जहां एक तरफ,जमीन पर उतारना था,तो वहीं दूसरी तरफ पुरानी रार को भी खत्म करना था lआखिर अखिलेश और कांग्रेस के बीच दूरियां क्यों बड़ी थी और इस दूरी को खत्म करने के लिए,अब अखिलेश ने ऐसा कौन सा मास्टर स्ट्रोक खेला ? जिसे देखकर अब बीजेपी की,नींद उड़ गई है l इस बैठक में ऐसा क्या हुआ ? जो बीजेपी को हैरान और परेशान कर रहा है l समन्वय बैठक में कुछ ऐसे भी निर्णय लिए गए हैं,जो न सिर्फ बीजेपी को बल्कि,बीजेपी के घटक दल राष्ट्रीय लोकदल को भी सोचने पर मजबूर कर देगा l
दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में,कांग्रेस से एक भी सीट नहीं मिलने पर अखिलेश यादव भड़क गए थे,जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया l जिसके बाद अजय राय ने उत्तराखंड में हुए बागेश्वर उपचुनाव की हार का ठीकरा अखिलेश के सिर पर ही फोड़ दिया था l अजय राय के इस बयान के बाद,सपा और कांग्रेस के बीच ज़बरदस्त ज़ुबानी जंग हो गई थी l अखिलेश यादव ने अजय राय से उनकी हैसियत पूछते हुए,कांग्रेस को नसीहत दी थी,कि आप अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में न बुलवाएं,लेकिन भारत की राजनीति में कब दोस्त दुश्मन और दुश्मन दोस्त बन जाए,यह कहा नहीं जा सकता l जिस तरह से अखिलेश और जयंत चौधरी की दोस्ती के कसीदे राजनीति में पढ़े जा रहे थे l अचानक जयंत चौधरी ने पाला बदल दिया,तो इसमें भी कोई हैरत की बात नहीं कि,अब अजय राय समाजवादी पार्टी के साथ दिखे जा रहे हैं l हालांकि अब परिस्थितियां बदल गई हैं lयूपी में कांग्रेस और सपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं l इसी कड़ी में लखनऊ स्थित सपा दफ्तर में दोनों दलों के बीच समन्वय बैठक हुई,जिसमें कांग्रेस नेता अजय राय समेत विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा और सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी मौजूद रहे l
इस बैठक में सपा-कांग्रेस ने आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की,ताकि दोनों के संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बना रहे l ताकि आगामी चुनाव में जो भी प्रत्याशी मैदान में उतरें,दोनों दलों के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करें l जल्द ही दोनों दलों में किसे क्या ज़िम्मेदारी दी जानी है ? इसका भी फैसला कर लिया जाएगा l इस बैठक का मुख्य उद्देश्य,चुनावी तालमेल को बिठाने के साथ-साथ,कहीं ना कहीं टूटे हुए,इंडिया गठबंधन को जोड़कर,जनता के सामने यह मैसेज भी देना था,कि अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं l फिलहाल इंडिया गठबंधन में पड़ी दरार को, पाटने के लिए,अखिलेश ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं और इस कदम में,कदमताल करते हुए अजय राय और आराधना मिश्रा जैसे दिग्गज नेता भी, अब जाकर अखिलेश का साथ देते दिखेंगे lसमन्वय बैठक के बाद,इंडिया गठबंधन की प्लानिंग किस तरह से जमीन पर उतरे,यह तो एक सवाल अलग है,लेकिन इंडिया गठबंधन के इस एकजुटता का जवाब,बीजेपी किस तरह से देगी ? यह भी जल्द ही उत्तर प्रदेश की जनता के सामने आ जाएगा l