माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के शव को दफना दिया गया है। गाजीपुर स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में उसे सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वहीं राजनीतिक दलों के नेताओं की भी बयानबाजी तेज हो गई है।जहां अभी देखने को मिला था की जब राजभर से पूछा था मुख़्तार को लेकर तब जवाब नहीं दिया था लेकिन अब राजभर ने मुख़्तार अंसारी को ग़रीबो का मसीहा बताया है .योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा बताया है।उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह बयान बहुत पहले दिया था और आज भी इस पर कायम हूं।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मैंने बहुत पहले ही कहा था कि मुख्तार अंसारी क्रांतिकारी नेता थे और उस बयान पर मैं अभी भी कायम हूंराजभर ने कहा, ‘ये एक दुखद घटना है और ईश्वर के आगे किसी नहीं चलती है। डाक्टरों का जो कहना है और जो उनकी मेडिकल रिपोर्ट आई है उसमें मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया है। परिवार का जो आरोप है उसकी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जो सच होगा वो सामने आएगा।’ उन्होंने कहा कि न्यायालय में मुख्तार ने जहर दिए जाने की बात कही थी। इसे न्यायालय ने संज्ञान भी लिया था और जांच कराने की बात कही थी, लेकिन ये घटना घट गई। न्यायालय के आदेश पर ही जेल के तीन अधिकारियों को सरकार निलंबित कर चुकी है। ।आपको बतादे की मुख़्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से ही विधायक हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ विधानसभा सीट से अब्बास अंसारी ने सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। पहले इसी सीट से लगातार पांच बार मुख्तार अंसारी चुनाव जीतता रहा था। 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान सुभासपा का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था। अब्बास अंसारी अभी भी सुभासपा से ही विधायक हैं अब सवाल ये उठ रहा है कि राजभर आये सा बोल कर अपने सुभासपा पार्टी में मुस्लिमों को चुनाव में तबज्ज़ज़ो देना चाहते है ये तो वक्त आने वाला समय ही