इस लोकसभा चुनाव में जौनपुर की धरती पर चुनाव बड़ा दिलचस्प होता जा रहा है l पहले तो बहुजन समाज पार्टी ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया l उसके बाद श्रीकला चुनावी मैदान में उतरी l तमाम तरह की मजबूती के साथ,श्रीकला ने अपने पति के बारे में,तमाम इमोशनल ड्रामा खेला और चुनाव जीतने की जुर्म जुगत में लग गई l उसके बाद एक घटनाक्रम के तहत,जौनपुर के बाहुबली धनंजय सिंह जेल से छूटते हैं l उसके बाद उनको भगवान राम की याद आती है l
और अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वह लिखते हैं “कि सोई हुईहै,जो राम रची राखा” लेकिन इन सबके बीच आम जनता के मन में यही सवाल दोबारा फिर से जन्म ले रहा है,कि आखिर जौनपुर से बाहुबली क्यों शांत बैठ गया ? क्यों श्रीकला ने निर्दलीय पर्चा नहीं भरा और क्यों अब धनंजय सिंह के बोल बदलते नजर आ रहे हैं ? कहीं ऐसा तो नहीं कि बीजेपी की जौनपुर में पॉलिटिक्स एक प्रेशर पॉलिटिक्स में बदल चुकी है l लेकिन धनंजय सिंह और राज्यसभा वोटिंग के दौरान महाराजी प्रजापति का अचानक गायब होना l इसमें आखिर क्या रिलेशन है ? आखिर गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी क्यों क्रॉस वोटिंग में शामिल रही और अब धनंजय खामोश क्यों बैठ चुके हैं ? श्री कला का चुनाव न लड़ना,धनंजय का खामोश बैठना और महाराजी प्रजापति के बोल बदल जाना l
इन सबमें ऐसा क्या कनेक्शन है ?जो बीजेपी की प्रेशर पॉलिटिक्स को बयां कर रहा है दरअसल,खनन घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की बेशकीमती संपत्ति बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को बेचने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है l इसकी शिकायत ईडी और लोकायुक्त संगठन से की गई है l इस संपत्ति को गायत्री की कंपनी एमजीए कॉलोनाइजर्स की ओर से सुल्तानपुर निवासी रमेश कुमार ने 17 अगस्त 2016 को कैंट के थिमैय्या रोड निवासी वीसी मिश्रा और मृणालिनी पांडेय से खरीदा था lबता दें कि वीसी मिश्रा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के करीबी रिश्तेदार हैं l इसके बाद कंपनी ने भूखंड पर आलीशान भवन का निर्माण कराया और फिर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को बेच दिया lसियासी गलियारों में चर्चा है,कि ईडी और लोकायुक्त संगठन में हुई इन शिकायतों के बाद ही,धनंजय ने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी की दावेदारी को वापस लेने का फैसला लिया है l
धनंजय ने जेल से छूटते ही जिस तरह से अचानक पत्नी को चुनाव नहीं लड़ाने की घोषणा की, उसे देखते हुए इन कयासों को बल भी मिल रहा है l इससे पहले भी योगीराज में तमाम बड़े बड़ों की बोलती बंद की गई है l ईडी ने अब तक खनन घोटाले में गायत्री प्रसाद प्रजापति, उनके करीबी रिश्तेदारों, कंपनियों की 50.37 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है, जिनकी वर्तमान बाजार मूल्य 150 करोड़ रुपये से अधिक है l हाल ही में ईडी ने गायत्री के अमेठी, लखनऊ, मुंबई के तमाम ठिकानों पर छापा भी मारा था l इस दौरान उनकी करीबी महिला मित्र गुड्डा देवी के आवास से 65 लाख रुपये नकदी मिली थी l साथ ही तमाम बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद हुए थे l ईडी करीब आधा दर्जन से अधिक कंपनियों की संपत्तियों और बैंक खातों को भी जब्त कर चुका है l इलेक्शन से ठीक पहले धनंजय सिंह का खामोश बैठना और बाहुबल कहां गायब हो गया? अब इस रिपोर्ट को देखने के बाद,शायद आपको यह बताने की जरूरत नहीं है,क्योंकि ED का शिकंजा धनंजय पर कसने की संभावनाओं के बीच,अब धनंजय का खामोश बैठना ही,प्रेशर पॉलिटिक्स को बयां कर रहा है l