लोकसभा चुनाव 2024 से पहले,बीजेपी में 12 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन होना बचा है lउसमें अधिकतर सीटों पर प्रत्याशियों की टिकट काटने की बात निकल के सामने आ रही है l वहीं कुछ प्रत्याशियों की सीटों में उलट फिर भी हो सकता है l
लेकिन इस बीच कैसरगंज लोकसभा सीट,चर्चा का विषय बनी हुई है l ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह का ऐसा कौन सा स्टैंड है ? जो बीजेपी को हैरान और परेशान कर रहा है l ना सिर्फ हैरान और परेशान कर रहा है,बल्कि 12 सीटों में देरी की वजह भी यही बन चुका है l दरअसल,बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त की सीट बदलकर गाजीपुर करने जैसी चर्चा भी चल रही है,तो वहीं गाजीपुर में अफजाल अंसारी के सामने कृष्णानंद राय के परिवार या मुख्तार के किसी विरोधी या उनके परिवार के सदस्य को टिकट देने पर भी चर्चा जारी है l
बलिया से उपेंद्र तिवारी के नाम की चर्चा हो रही है,तो वहीं देवरिया सीट पर रमापति राम त्रिपाठी को एक बार फिर से टिकट देने पर भी विचार जारी है l भारतीय जनता पार्टी प्रयागराज, कौशांबी,फिरोजाबाद में नए प्रत्याशी पर भी विमर्श कर रही है l
उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद रहे बृज भूषण शरण सिंह की सीट पर अभी भी असमंजस बरकरार है lपार्टी इस सीट से बृजभूषण की जगह उनके परिवार के किसी व्यक्ति या बृजभूषण के किसी पसंदीदा करीबी व्यक्ति को चुनाव लड़ाने के लिए,बृजभूषण शरण सिंह से उनका मत मांग चुकी है l
सूत्रों की माने तो बृजभूषण शरण सिंह इस सीट से खुद को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं l भारतीय जनता पार्टी को इस बात का भय है,कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे बृजभूषण शरण सिंह के मैदान में उतरने से,विपक्षियों को पार्टी पर हमला करने के लिए एक बड़ा हथियार मिल सकता है l लेकिन असमंजस के दौर से गुजर रही भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार यह 12 सीटे गले की फांस बनी हुई है l ऐसे में बहुत जल्द ही बीजेपी का फैसला आना बाकी है और अगर यह फैसला कैसरगंज सीट को लेकर,बृजभूषण सिंह के खिलाफ जाता है,तो बीजेपी के लिए अवध प्रांत में जीत हासिल करना न सिर्फ मुश्किल होगा,बल्कि नामुमकिन भी हो जाएगा l