उत्तर प्रदेश इस समय बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है l इसमें जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसाधनों पर ज्यादा जोर दिया,तो वहीं नगरों को सुंयोजित करना,अपशिष्ट ग्रहों का निर्माण कराना और मॉडर्न सिटी की तर्ज पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत,साफ सफाई का ध्यान रखना l यह जिम्मा नगर विकास विभाग को सोपा गया और इस समय नगर विकास विभाग की जिम्मेदारी योगी सरकार के पसंदीदा और अपनी विशेष कार्य शैली के लिए मशहूर,मंत्री AK शर्मा के हाथ में है l AK शर्मा ने जहां एक तरफ यूपी दर्शन पार्क बनवा कर यूपी में आ रहे पर्यटको को लुभाने की कोशिश की,तो वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तमाम बड़ी-बड़ी योजनाओं का संचालन कर,आज ना सिर्फ नगर विकास विभाग को ऊंचाइयों तक पहुंचाया,बल्कि निर्बाध बिजली आपूर्ति से लेकर,ऊर्जा विभाग की तमाम अहम जिम्मेदारियो को भी काफी सक्रियता और जिम्मेदारी से निभाया l यही नहीं अपनी तत्परता के लिए मशहूर AK शर्मा ने वर्तमान में राजधानी लखनऊ से सटे हुए,औद्योगिक इलाके,मैनचेस्टर कानपुर के उस विवाद को भी सुलझाने की एक विशेष पहल शुरू की है l जो अपने आप में एक बहुत बड़ा विवाद बनता जा रहा था l आखिर AK शर्मा के हस्तक्षेप के बाद,कानपुर का कौन सा विवाद हल हो पाया है ?
दरअसल कानपुर में डीएम सर्किल रेट का एक प्रतिशत नामांतरण शुल्क लिए जाने को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच अब इस मामले में नगर विकास मंत्री AK शर्मा की जोरदार एंट्री हो गई है l श्री शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लिया है l इस मुद्दे पर कानपुर से आए विधायक सुरेश मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक मामले को सुलझाने के लिए नगर विकास और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के दरबार पहुंचे हुए थे l AK शर्मा से शिकायत की गई की,किसी अधिनियम,नियम उप विधि या शासनादेश के कानपुर का नगर निगम नामांतरण शुल्क ले रहा है l जिन लोगों ने संपत्ति अपने नाम करना चाहा,उनसे मनचाही वसूली की जा रही है l वह भी पूरे पूरे अवैध ढंग से l
नामांतरण शुल्क के नाम पर भारी भरकम वसूली को,कानपुर नगर निगम ने अपनी आय का बड़ा हिस्सा बना लिया है l शिकायत पर नगर विकास मंत्री AK शर्मा ने बड़ी ही संजीदगी के साथ मामले को सुना है और इस मुद्दे पर निर्णय लिए जाने का आश्वासन भी दिया है l यही नहीं विधायक सुरेश मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को भी अपनी शिकायत से अवगत कराया है l अब ऐसे में तेज तर्रार नगर विकास मंत्री AK शर्मा के दरबार में यह मामला पहुंच चुका है और इतिहास गवाह है,कि जब AK शर्मा एक्शन लेते हैं,तो इसकी हवा भी किसी को नहीं लगती और दोषियों पर कार्रवाई की गाज कब गिर जाए ? यह भी किसी को नहीं पता होता l