उत्तर प्रदेश में रायबरेली अमेठी बहुत ही हॉट सीट मानी जाती है lलेकिन इस चुनाव में यहां पर बहुत ही शांति चल रही थी lप्रियंका गांधी का इंतजार लोग कर रहे थे l सब कुछ शांत स्वभाव के साथ,लोकसभा चुनाव 2024 की दस्तक का इंतजार कर रहा है l लेकिन इस बीच अचानक वहां बूतों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता जमा होने लग गए हैं l पांच न्याय और 25 गारंटी की बात बहुत जोर-जोर के साथ उठने लग गई है l माहौल बनने लग गया है l हर तरफ तेजी देखी जा रही है lआखिर यह माहौल क्यों बन रहा है और हर बूथ पर क्यों कांग्रेसी अब बढ़-चढ़कर चर्चा करते दिख रहे हैं ? दरअसल याद कीजिए 1997 का वह दौर जब इंदिरा गांधी का बेसब्री से इंतजार हुआ करता था l
लोग आयरन लेडी को देखने के लिए बेकरार हुआ करते थे l कुछ ऐसा ही इंतजार 2004 में सोनिया गांधी के लिए लोग करते थे,अब वह इंतजार की घड़ियां खत्म हो रही है l लोगों को आस,लोगों को इंतजार है,कि अब आखिरकार कांग्रेस का कौन सा योद्धा ? यहां से चुनाव लड़ेगा l फिलहाल कांग्रेस के नेतृत्व में अभी तक अमेठी सीट या रायबरेली को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले l ऐसे में यहां पर क्या बनते बिगड़ते समीकरण है ? इस पर भी इस रिपोर्ट के जरिए हम आज रोशनी डालने जा रहे हैं l दरअसल चुनावी,यानी लोकसभा चुनाव 2024 के समर में यहां अचानक बदलती तस्वीरे,जो इशारा कर रही है, वह यह दिखा देने के लिए काफी है की,यहां कुछ नया होने वाला है l जो भाजपा के विजय रथ को रोकने में कामयाब हो सकता है l बीते दो महीनो से लगातार कांग्रेसी रणनीतिकार इस सीट को लेकर मंथन कर रहे हैं lयहां पर BMD फॉर्मूले पर जोर दिया जा रहा है l यानि ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित l भले ही कांग्रेसी गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ हो गया हो l
लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ता ब्राह्मण,मुस्लिम और दलित फार्मूले को यहां का सबसे बड़ा जातिगत समीकरण मान रहे हैं l यही वजह है,कि एक-एक कार्यकर्ता l एक-एक बूथ पर इकट्ठा होकर l जनता को कांग्रेस के कार्यकाल की उपलब्धियां को गिनाने का काम कर रहे हैं l यही नहीं 1800 बूथ पर कांग्रेसी कार्यकर्ता पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे हैं l रायबरेली सीट पर कांग्रेस किसी बड़े हाई प्रोफाइल नेता को उतार रही है lइस पर बीजेपी की नजर भी लगातार बनी हुई है l शायद यही वजह है कि,भाजपा भी अभी तक यहां अपने संभावित प्रत्याशी को उतारने को लेकर अपने पत्ते अभी तक नहीं खोल रही है l यहां तक की भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को यह नहीं मालूम,कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता के सामने,भाजपा के कौन से बड़े नेता को केंद्रीय नेतृत्व उतारने का फैसला लेगा ? लेकिन यहां पर बढ़ रही चुनावी sugbughat यह दर्शा रही है,कि अब यहां का सेन कुछ बदलने वाला है और इसी का इंतजार अब बीजेपी को भी है l जैसे ही कांग्रेस यहां अपने पत्ते खोलेगी,तो बीजेपी भी अपना कोई योद्धा उतारने को तैयार है l लेकिन कांग्रेसियों में भरता जोश,1994 में इंदिरा गांधी और 2004 की सोनिया गांधी की याद दिल रहा है l फिलहाल कांग्रेस का नेतृत्व यहां पर किसको उतारेगा,यह भी जल्दी ही तय होना बाकी है l