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मूंछों पर दिया ताओ l रावण ने खेला नया दाव !

India Junction News Bureau

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Published: September 20, 2024 1:39 pm

इधर लोकसभा चुनाव 2024 खत्म हुए l उधर उत्तर प्रदेश की सियासत में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर,सभी पार्टियों ने कोशिशें को तेज कर दिया है l उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं l इन सीटों में से नौ सीट लोकसभा चुनाव में सपा विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट सपा के इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में जेल की सजा होने के बाद,उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है l लेकिन इन 10 सीटों पर कुछ नए समीकरण रावण की वजह से बदलते हुए भी दिखाई दे रहे हैं l जो न सिर्फ इंडिया गठबंधन की नींद उड़ा रहे हैं,बल्कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए भी कम मुसीबत खड़े करने वाला नहीं है l

आखिर चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने ऐसे किसी मुस्लिम साथी के जरिए,हुंकार भरी है,जो इंडिया गठबंधन और योगी दोनों को ही भारी पड़ सकता है ? जी हां यह वही चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण है,जिन्होंने नगीना से पहली बार सांसदी हासिल कर दलित वोटो का ध्रुवीकरण कर, अपनी गुरु मायावती को भी हिला कर रख दिया है l अब आखिर रावण कौन सा कदम उठाने जा रहे हैं और रावण का यह कदम उठाने के बाद,सत्ता की सरगर्मियों में क्या इजाफा देखने को मिलेगा ? दरअसल,आजाद समाज पार्टी और AIMIM के बीच उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर,गठबंधन की चर्चा चल रही है l आजाद समाज पार्टी की सूत्रों की तरफ से यह जानकारी दी गई है,की दोनों पार्टियों के बीच इस गठबंधन को लेकर शुरुआती बातचीत हो रही है और यह सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है l हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया,कि अभी तक इस गठबंधन पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है l गठबंधन पर अंतिम मोहर दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को ही लगानी है

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इस प्रस्तावित गठबंधन का खास मकसद यह है कि,उपचुनावों में मजबूती से चुनाव लड़ा जा सके l आजाद समाज पार्टी का उद्देश्य इस गठबंधन से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है l इस संभावित गठबंधन को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और यह देखना बाकी है कि,इस कदम से उपचुनावों के समीकरणों पर कितना प्रभाव पड़ेगा l फिलहाल, आजाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम की ओर से गठबंधन की आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है l राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है,कि यह गठबंधन चुनावी परिणामों में बदलाव ला सकता है l हालांकि इससे पहले लोकसभा चुनाव के समय में पलवी पटेल के साथ भी ओवैसी ने गठबंधन किया था,जिसका कोई खास असर,इंडिया गठबंधन पर होता नहीं दिखाई दिया था l लेकिन ऐसे में दलित वोटो को अपनी तरफ आकर्षित करने वाले नगीना से नवनियुक्त सांसद,चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण के इस कदम से कहीं ना कहीं दलित और अल्पसंख्यक समीकरण चुनाव में बड़ा असर भी दिखा सकते हैं l

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