उत्तर प्रदेश में एक तरफ चुनाव की तरफ आगे बढ़ रहा है,तो वहीं दूसरी तरफ,सोशल मीडिया से लेकर बड़े चैनेलो में मुख्तार की तबीयत बिगड़ने की खबरें,लगातार मीडिया की सुर्खियां बन रही थी l कन्फ्यूजन बना हुआ था,कि आखिर मुख्तार के हालात और हालत कैसी है ?लेकिन रात में आई एक खबर ने,न सिर्फ मऊ,गाजीपुर को हिला कर रख दिया l बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में आतंक के पर्याय रहे,मुख्तार की मौत की खबर से,सनसनी फैल गई l आखिरकार मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डिक्लेरेशन दे दिया,कि मुख्तार की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई है l लेकिन मुख्तार की मौत के बाद,तमाम तरह के सवाल भी,उत्तर प्रदेश सरकार पर उठना लाजिमी है l आखिर वह सवाल कौन से हैं और उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा कौन सा फैसला लिया ? जिसने मुख्तार के समर्थकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है l इंडिया जंक्शन अपनी इस खबर में आज आपको योगी सरकार के उस फैसले से भी अवगत कराएगी l
जिसके बाद,मुख्तार के समर्थकों की बोलती बंद हो गई है l दरअसल, कई दिनों से बांदा जेल में बंद चल रहे,मुख्तार अंसारी को गुरुवार की शाम हार्ट अटैक पड़ने के बाद मौत हो गई l तबीयत बिगड़ने के बाद,उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया l इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी ने दम तोड़ दिया l मुख्तार अंसारी की इस सप्ताह दूसरी बार तबीयत बिगड़ी थी l इससे पहले भी,उनकी तबीयत खराब हो चुकी है l इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था l चेकअप के बाद,वापस जेल भेजा गया था,जहां गुरुवार को एक बार फिर, मुख्तार की तबीयत खराब हो गई l डॉक्टरों ने चेकअप के दौरान हार्ट अटैक की बात कही l इसके बाद एंबुलेंस के जरिए,उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था l मुख्तार की मौत से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया l मुख्तार की मौत के बाद,मेडिकल कॉलेज को पूरी छावनी में तब्दील कर दिया गया l
पुलिस और प्रशासन के भी कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं l बांदा जेल में बंद,मुख्तार की तबीयत खराब होने पर उनके भाई अफजाल अंसारी ने मारने का आरोप लगाया था l मीडिया से बातचीत के दौरान अफजाल ने कहा था,कि मुख्तार को मारने की साजिश कई सालों से रची जा रही है l अफजाल ने कहा था,कि एक बार गाजीपुर में ही बम बनाते समय विस्फोट हो गया, जिसमें एक मौत भी हो गई थी l दिल्ली पुलिस ने एक अपराधी को पकड़ा था,जिसने कबूल किया था कि उसे पांच करोड़ रुपये मुख्तार को उड़ाने के लिए दिए गए थे l इसके अलावा भी कई घटनाएं हैं,जिसमें मुख्तार को मारने की कोशिश की गई l
सांसद ने कहा था,कि यह सब बृजेश सिंह को बचाने के लिए किया जा रहा है l क्योंकि 2001 में उसरी चट्टीकांड में मुख्तार पर हुए हमले में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है l इन लोगों को सजा न हो, इसके लिए घटना के 22 साल बाद,मुख्तार और उस केस में शामिल गवाहों के खिलाफ केस दर्ज किया गया l सरकार जानती है,कि उसरी चट्टीकांड के केस में अगर बृजेश को बचाना है,तो मुख्तार को खत्म करना होगा l मुकदमे में गवाही देने से पहले मुख्तार को मारने की साजिश है lबताया जाता है,बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर के कई मुकदमे चल रहे थे l मुख्तार को हमेशा ही अपनी जान जाने का खतरा सताता रहता था l इसी के चलते वह,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी पर आता था l इस दौरान,मुख्तार कोर्ट से जान का खतरा बताते हुए कई बार सुरक्षा की गुहार भी लगा चुका था l
आठ दिन पहले,बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी को पेश होना था, हालांकि वह पेश नहीं हुआ था l उसने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में पत्र दाखिल किया l मुख्तार ने कोर्ट में दाखिल पत्र में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था l मुख्तार ने कहा था,कि जेल में उसे खाने में जहर देकर मारने का प्रयास किया गया है l जहर के कारण हालत काफी गंभीर है l पूरे शरीर के नसों में दर्द हो रहा है l बांदा जेल में जान का खतरा बताते हुए,उसने मेडिकल बोर्ड का गठन कर बेहतर इलाज का अनुरोध किया था l मुख्तार अंसारी ने अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के माघ्यम से न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था l
जिसमें मुख्तार ने कहा था,कि बांदा जेल में बीते 19 मार्च को जो उन्हें भोजन दिया गया था,उसमें जहर मिला था l भोजन करने के बाद,प्रार्थी की हालत बहुत ही खराब हो गई l हाथ पैर ही नहीं पूरे शरीर की नसों में दर्द है,ऐसा लगता है,कि उसकी मृत्यु हो जाएगी l उसने कहा कि,इस घटना के 40 दिन पहले भी उसे खाने में विषाक्त पद्वार्थ मिला कर दिया गया था l उसे जेल स्टाफ द्वारा खाना टेस्ट करके दिया जाता था l खाना खाने वाले जेल कर्मचारी भी बीमार हुए थे l मुख्तार ने बांदा जेल में जान का खतरा बताते हुए कहा था,कि उसके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है l फिलहाल अब मुख्तार अंसारी,इस दुनिया में नहीं है l
लेकिन मुख्तार के जाने के बाद,पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है lचप्पे चप्पे पर पुलिस की निगाहें,किसी अनहोनी घटना से बचने के लिए,लगातार बनी हुई है l इस बीच समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने मुख्तार की मौत पर गहरा टूट जाता है गहरा दुख जताया है lसमाजवादी पार्टी ने भी मुख्तार के मरने के बाद,अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उनकी आत्मा की शांति के लिए एक पोस्ट किया l तेजस्वी यादव से लेकर,तमाम बड़े-बड़े विपक्षी नेता मुख्तार के करने की खबर से सन्न है l इस बीच,उत्तर प्रदेश सरकार उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए,मुख्तार अंसारी की मौत की जांच के लिए,न्यायिक आयोग का गठन कर सकती है l सूत्र बताते हैं कि,उत्तर प्रदेश की योगी सरकार,हाईकोर्ट के पूर्व जज से जांच करा सकती है l
शासन स्तर पर इसकी संभावना तलाशी जा रही है l यूपी सरकार,ऐसे बड़े मामलों में न्यायिक आयोग बना चुकी है l जिसमें विकास दुबे कांड और अतीक अशरफ मर्डर केस भी शामिल है l सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार न्यायिक आयोग के गठन का जल्द ही ऐलान भी कर सकती है l फिलहाल,तमाम सवालो और कशमकश के बीच,फिलहाल मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं है l लेकिन गाजीपुर और मऊ,सहित पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्तार का साया न सिर्फ एक डॉन के रूप में याद किया जाएगा l बल्कि राजनीति के धुरंधर मुख्तार की कमी,विपक्षी दलों को भी हमेशा खलती रहेगी l