उत्तर प्रदेश की राजनीती मे चल रही उथल पुथल अब बहुत जल्द बड़ा रूप लेने जा रही है ये बात क्यों कहनी पड़ रही है ये भी आप जान लीजिये दरशल बीजेपी कार्यसमिति की बैठक के बाद बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे और यंहा तक कह डाला की सरकार से बड़ा संगठन होता है कार्यकर्ताओं का डर हमसे देखा नहीं जाता| और ये सब कोई और नहीं बल्कि यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य ने भरे मंच से कही थी.. जिसकी सफाई मे योगी आदित्यनाथ ने केशव को आड़े हांथो लेकर सफाई दी थी
ये पूरा मामला जुड़ा है लोकसभा चुनाव के हार से संगठन के कार्यकर्ताओं की अनदेखी और बुलडोजर पर केशव प्रसाद ने सवाल खड़े किये थे| जिसके बाद लगातार यूपी से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर शुरू हो चूका है| ये सब तो ठीक है मगर अब बीजेपी की इस अंदरूनी लड़ाई का फायदा विपक्षी दल यानी सपा मुखिया अखिलेश यादव चुटकी लेते हुए अपने X पर पोस्ट मे कुछ एसा लिख दिया है जले मे नमक का काम कर रहा है
दरअसल अखिलेश यादव ने अपनी X पर पोस्ट पर उन्होंने कहा कि न संगठन बड़ा न सरकार. सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण. केशव प्रसाद ने कहा था, ‘संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. अखिलेश यादव ने शुक्रवार को X पर पोस्ट में लिखा, ‘न संगठन बड़ा होता है, न सरकार. सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण. दरअसल संगठन और सरकार तो बस साधन होते… लोकतंत्र में साध्य तो जनसेवा ही होती है. जो साधन की श्रेष्ठता के झगड़े में उलझे हैं, वो सत्ता और पद के भोग के लालच में है, उन्हें जनता की कोई परवाह नहीं भाजपाई सत्तान्मुखी है, सेवान्मुखी नहीं!’

पिछले दिनों लखनऊ में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से यूपी की सियासत गरमा गई थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि ‘संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.’
अखिलेश यादव कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहते बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई से अखिलेश यादव को क्या फायदा हो सकता है. ये अखिलेश यादव भली भांति जानते है क्योंकि अखिलेश यादव के सामने वो मंजर बीत चूका है जब चाचा शिवपाल से उनकी अनबन हुई थी. और उसका खामियाजा वर्ष 2017 मे सरकार गँवा कर उठाना पड़ा था| अखिलेश यादव शुरू से कह रहे है की 100 विधायक लाओ ओर सरकार बनाओ. लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा की यूपी मुख्यमंत्री की गद्दी पर योगी बने रहेंगे या कोई और विराजमान होगा|