India Junction News

बसपा का यह योद्धा,सपा को दिलाएगा आजमगढ़ में जीत!

India Junction News Bureau

Author

Published: March 17, 2024 4:51 pm

लोकसभा चुनाव की तैयारी में सभी दल तेजी के साथ अपने-अपने चुनावी एजेंडा पर तेजी के साथ काम कर रहे हैं l वैसे में कल की तारीख,सभी दलों के लिए धड़कनों की गिनती को बढ़ा रहा था l जैसे-जैसे एनडीए और इंडिया गठबंधन अपनी अपनी साथ गांठ तेजी से करने में लगे हैं l वैसे-वैसे सबके मन में कयास लगाए जा रहे थे,कि आखिर कब लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होता है ? आखिरकार लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो गया है l उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों के तहत मतदान होगा, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर,एक जून को समाप्त होगा l

इस बीच सियासी दल अपनी-अपनी प्लानिंग में जुट गए हैं l सबकी नजरें 80 लोकसभा वाले राज्य उत्तर प्रदेश पर हैं l शायद सभी दलों को मालूम है की,केंद्र की चाबी ढूंढने का रास्ता,उत्तर प्रदेश से होकर जाता है lइसका मतलब साफ है,कि अगर किसी भी सियासी दल को केंद्र में सत्ता हासिल करनी है,तो उसे यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी और इसी उत्तर प्रदेश में एक ऐसी सीट भी है,जो बीजेपी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सभी के लिए बड़ी चैलेंजिंग सीट या यू कहे की नाक की सीट बन चुकी है l

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर पूर्वांचल की वह कौन सी सीट है जिससे भाजपा और पूरा इंडिया गठबंधन परेशान और हैरान सा दिख रहा है तो अब इसका जवाब भी जान लीजिए दरअसल पूर्वांचल में इस सीट पर पर इस समय भाजपा का कब्जा है और एक समय था,जब यहां पर समाजवादी पार्टी का पूरा दबदबा रहा करता था,लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में तस्वीर को बदली बदली सी नजर आ रही है l

आजमगढ़ में क्या कुछ होने वाला है और क्या बना रहे हैं नए समीकरण ? दरअसल मुलायम सिंह के समय से आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा का गढ़ हुआ करती थी l 2019 में अखिलेश यहां से संसद चुने गए थे l मगर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में करहल से विधायक बनने के बाद,अखिलेश ने संसद की सदस्य्ता से इस्तीफा दिया था l इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने सपा के गढ़ में सेंध लगाई और भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ यहां से सांसद बने l निरहुआ ने अखिलेश के चचेर भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव हराया l

यह भी पढ़ें :   पीलीभीत से अखिलेश यादव ने बोला बीजेपी पर हमला !

आजमगढ़ उपचुनाव में तब यह कहा गया l,कि सपा की हार की वजह बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली बने थे l जबकि असलियत यह है कि,गुड्डू जमाली के लड़ने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हुआ था,जिसका फायदा निरहुआ को मिला था l तब सियासी जानकारों ने यही कहा था,कि मुस्लिम वोटों के बंटवारे की वजह से धर्मेंद्र उपचुनाव हार गए थे l मतलब साफ है कि गुड्डू जमाली ही समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बड़ा प्रावधान बन गए थे लेकिन अखिलेश ने इस बार इंडिया गठबंधन की कमान जैसे ही अपने हाथ में समा ली वैसे ही संभाली वैसे ही उन्होंने एक बड़ा दाव खेला और वह दाव था,गुड्डू जमाली को बसपा से समाजवादी पार्टी में लाना l

अब अखिलेश ने बसपा नेता गुड्डू जमाली को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है और साथ ही उन्हें एमएलसी पद भी दिया है l ऐसा करने से सपा का M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण यहां,फिर से मजबूत हो सकता है l इसी आधार पर सियासी गलियारों में यह चर्चा है,कि अखिलेश यादव ने आजमगढ़ का अपना किला वापस लेने के लिए इस बार मजबूत प्लानिंग कर ली है l भले ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ उपचुनाव में जीत गए हो,लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर,अब तक की सीख में अखिलेश यादव ने यह सबसे बड़ी नसीहत ली,की दुश्मन के दुश्मन को दोस्त बनाने से,ही इस चुनाव 2024 में आजमगढ़ की बड़ी जीत अखिलेश के हाथ आ सकती है,लेकिन अखिलेश के इस अभेद किले को भेदने के लिए बीजेपी भी,अपनी तैयारी एक तरफ कर चुकी है l

अब ऐसे में देखना यह होगा कि इंडिया और एनडीए गठबंधन में जीत किसकी होती है ?फिलहाल आजमगढ़ सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक हो चुका है और इस बेहद रोमांचक मुकाबले का विनर कौन होगा ?इंडिया गठबंधन या फिर एनडीए यह भी जून के महीने यानी लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद,साबित हो ही जाएगा l

Scroll to Top