इस लोकसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा मायावती के तमाम फैसले एक के बाद एक,कुछ ऐसे होते जा रहे हैं जो न सिर्फ तमाम विपक्षी गठबंधनों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं l बल्कि आम जनता के बीच भी मायावती के यह फैसले माया की कुशल राजनीति को बयां कर रहे हैं l लेकिन इस बार मायावती ने ऐसा कौन सा मुद्दा चुनावी जनसभा में उठाया ? जिससे कांग्रेस,समाजवादी पार्टी तो हैरान है ही l साथ-साथ माया के इस ट्रंप कार्ड से,एनडीए के घटक दल सुभासपा और राष्ट्रीय लोकदल भी चौंक गए हैं l लेकिन एनडीए के घटक दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष,जयंत चौधरी के बीच हैरानी और परेशानी क्यों बढ़ रही है ? दरअसल,एक चुनावी रैली में मायावती ने कहा, ‘बीएसपी ने किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन नहीं किया है l हम अकेले चुनावी मैदान में हैं और बड़ी जीत हासिल करेंगे l भाजपा का तीसरी बार सत्ता में आना बहुत मुश्किल है l
पश्चिमी यूपी के लोग लंबे समय से अलग राज्य की मांग करते रहे हैं l केंद्र में हमारी सरकार आती है,तो पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे lमायावती ने इससे पहले साल 2011 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव रखा था l इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली थी,लेकिन फिर उनके इस मकसद पर पानी फिर गया था l साल 2011 में जब यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार हुआ करती थी,तब 2012 विधानसभा चुनाव से पहले मायावती ने यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव दिया था l ये चार हिस्से थे- पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश,अवध प्रदेश और बुंदेलखंड l प्रस्ताव के मुताबिक,पूर्वांचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में 7 जिले शामिल होने थे l 2012 विधानसभा चुनाव से पहले 16 नवंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने,मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और फिर इसे यूपी विधानसभा में पेश भी किया गया था l
21 नवंबर 2011 को यूपी को चार भागों में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर दिया गया और फिर इसे cको भेज दिया गया था उस समय केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी l मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे l केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से कई स्पष्टीकरण मांगते हुए,प्रस्ताव वापस भेज दिया था l फिलहाल इस मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान देने से बचती रही हैं l लेकिन उनके कुछ नेताओं ने इस मुद्दे को समय-समय पर बयान देकर जरूर जिंदा रखा है l अक्टूबर 2023 में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया था l एक जनसभा में उन्होंने कहा था l पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाना चाहिए और मेरठ की इसकी राजधानी होनी चाहिए l यहां की आबादी आठ करोड़ है और यहां से हाईकोर्ट 750 किमी दूर है l ऐसे में इसे अलग राज्य बनाने की मांग जायज है l हालांकि बीजेपी ने कहा था,कि यह उनका निजी विचार है l
यही नहीं एनडीए का घटक दल और कभी पश्चिमी यूपी की वकालत करने वाले,जयंत चौधरी में असंजस में हैं l वहीं यूपी में एनडीए के दूसरे सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है l राजभर ने हाल ही में अपने बयान में कहा था,कि लोकसभा चुनाव के बाद ‘पूर्वांचल’ को यूपी से अलग कर दिया जाएगा l फिलहाल मायावती के पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग किए जाने का मुद्दा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है l ऐसे में जहां एक तरफ जयंत चौधरी और ओमप्रकाश राजभर जो पहले कभी अलग राज्यों के गठन की मांग उठाया करते थे lअब वह खामोश और हैरान के साथ-साथ परेशान भी दिख रहे हैं l कांग्रेस खामोश बैठी हुई है lअब देखना यह होगा,कि मायावती के इस मुद्दे के उठने के साथ ही जनता की क्या प्रतिक्रिया मायावती के इस बयान के मार्फत आती है l