समाजवादी पार्टी घराने की बहू और भाजपा नेता अपर्णा यादव पिछले कई दिनों से,लगातार सुर्खियों में बनी हुई है l कभी बीजेपी के हाई प्रोफाइल नेताओं से मीटिंग करने के बाद,यह चर्चा उठी की अपर्णा यादव को लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है l लेकिन नतीजा शून्य रहा l इसी तरह राज्यसभा में भी अपर्णा यादव के जाने के कयास लगाए जा रहे थे l वहां पर भी नतीजा शून्य ही रहा l माना यह भी जा रहा था,कि अपर्णा नाराज है और समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकती है l यह बात तब उठी थी जब वह शिवपाल के बर्थडे पर उन्हें बुके पेश करने गई l लेकिन यह खबर भी सिर्फ अफवाह मात्र बनकर रह गई l लेकिन अब अपर्णा यादव के एक बयान के बाद,यह साबित हो गया की,अपर्णा यादव बीजेपी के साथ पूरी तरह से कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है l यही नहीं अपने खुद के परिवार यानी जेठ के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर ऐसा क्या बोल गई ? जिसने यह साबित कर दिया,कि वह अब समाजवादी पार्टी परिवार की नहीं बल्कि,मोदी परिवार से ही है दरअसल,समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज सीट से चुनाव लड़ेंगे l उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है l
जिस पर अब भारतीय जनता पार्टी की नेता और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव का बयान सामने आया है l उन्होंने कहा कि INDI अलाइंस पीएम मोदी के डर से बड़े नेताओं को चुनाव में उतार रहा है l भाजपा नेता अपर्णा यादव ने,समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से नामांकन भरने पर कहा l लोग भाजपा को पूर्ण बहुमत से जिताने का मन बना चुके हैं l जहां तक समाजवादी पार्टी और INDIA गठबंधन की बात है,तो इनके बड़े नेताओं ने अब चुनावी मैदान में उतरने का तय किया है lक्योंकि उन्हें PM मोदी से डर हैं इसलिए वे अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतार रहे हैं lअपर्णा यादव ने कहा, नेताजी मुलायम सिंह यादव ने बहुत सारी सीटों को सुरक्षित बनाया लेकिन,उन सीटों पर भी भाजपा ने अपनी मेहनत से कमल खिलाया है l INDI गठबंधन के लोगों ने तय किया है कि PM मोदी का मुकाबला करने के लिए इनके शीर्ष नेतृत्व को उतरना पड़ेगा, इसी के तहत उन्होंने अखिलेश यादव अपना नामांकन दाखिल किया है l अपर्णा यादव ने इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा किया और कहा कि प्रधानमंत्री तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, कोई भी मैदान में उतर जाए, भाजपा अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी l
दरअसल समाजवादी पार्टी ने पहले कन्नौज सीट से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया था,लेकिन स्थानीय नेताओं ने अखिलेश यादव से ही चुनाव में उतरने की अपील की l जिसके बाद सपा अध्यक्ष ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया l इस सीट से बीजेपी के ओर से सुब्रत पाठक मैदान में हैं l फिलहाल सुब्रत पाठक भी कोई कमजोर नेता नहीं है l ऐसे में अखिलेश यादव के लिए लड़ाई आसान नहीं है l पिछले चुनावी रिजल्ट्स पर अगर नजर डालें तो,1998 से 2019 तक लगातार सपा का ही कब्जा रहा है lहालांकि 2019 में डिंपल यादव यहाँ से चुनाव हार गईं थी l फिलहाल अखिलेश के उतरने के बाद,यह सीट बहुत ही ज्यादा हाई प्रोफाइल हो गई है और ऐसे में इंडिया गठबंधन का शीर्ष नेता अगर चुनावी मैदान में है,तो जाहिर सी बात है,कि बीजेपी का विजय रथ भी इतनी आगे,इतनी आसानी के साथ बढ़ने वाला नहीं