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बृजभूषण भाजपा की मजबूरी क्यों ?

India Junction News Bureau

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Published: March 20, 2024 5:32 pm

बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने अभी 24 सीटों पर सिर्फ मंथन ही किया था,कि सियासी सरगर्मियां तेजी के साथ बढ़ रही हैं,लेकिन इन सब के बीच कैसरगंज सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है l भले ही बृजभूषण के नाम को लेकर चर्चा हो रही हो,लेकिन किसी और का उतर पाना,यहां से मुश्किल ही लग रहा है l बीजेपी की पॉलिसी के मुताबिक,सूत्रों से मिली जानकारी के लिए l lदरअसल,बृजभूषण शरण सिंह लगातार एक के बाद एक बैठक अपने क्षेत्र में कर रहे हैं l मानो उनकी तैयारी पूरी हो चुकी है और वह चुनाव लड़ने जा ही रहे हैं l

फिलहाल बीजेपी ने अंदर खाने मन यह भी बना रखा है,कि विवादों से घिरे रहे बृजभूषण शरण सिंह,अगर चुनावी मैदान में नहीं उतरते हैं,तो उनकी पत्नी केतकी सिंह या फिर उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह पर भाजपा अपना दाव खेल सकती है l उधर सभी राजनीतिक पार्टियां जोर लगाकर अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश कर रही हैं l वहीं लोकसभा सीटों के लिहाज से,देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में,सभी की निगाहें भाजपा की बाकी पड़ी लिस्ट पर है l दरअसल,यूपी में भाजपा ने अभी तक कई सीटों पर अपने प्रत्याशी फाइलन नहीं किए हैं l खास बात ये है,कि जिन सीटों पर पार्टी ने अभी तक नाम तय नहीं किए हैं, वह कई सियासी दिग्गजों की सीटें हैं l उनमें से एक सीट भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की है lइस सीट पर सबकी नजर लगातार बनी हुई है l

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने फिलहाल 51 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार दिया है l अब 24 सीटों के लिए किस प्रत्याशी की घोषणा पार्टी करने ही वाली है l इस बात को लेकर चर्चा है,कि कैसरगंज लोकसभा सीट पर बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट सकता है l हालांकि अभी यह सिर्फ एक कयास ही है,पार्टी का फैसला अभी नहीं आया है l बता दें,कि बृजभूषण शरण सिंह पर देश की दिग्गज महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न पर आरोप लगाए थे l बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान धरने पर भी बैठ गए थे l फिलहाल बृजभूषण के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है और इसको लेकर वह काफी विवादों में भी रहे थे l टिकट कटने के लग रहे कयासों के बावजूद इसके बृजभूषण शरण सिंह अपने लोकसभा सीट पर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं l वह अपने क्षेत्र के नेताओं और लोगों के साथ लगातार बैठकें भी कर रहे हैं l पिछले कुछ दिनों की बृजभूषण शरण सिंह सोशल मीडिया हैंडल पर नजर डाले,तो उन्होंने लोगों और कार्यकर्ताओं से लगातार बैठकें करने की तस्वीरें शेयर की हैं l दरअसल,भाजपा के लिए बृजभूषण सिंह या उनके परिवार के सदस्य,इलेक्शन जीतने के लिए,इस समय एक राजनीतिक मजबूरी भी बन गए है l

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बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा,आखिर यूं ही कायम नहीं रहा l बृजभूषण सिंह के राजनीतिक सफर पर अगर रोशनी डालें,तो सब कुछ आपके सामने आईने की तरह साफ भी हो जाएगा l दरअसल,
1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए,66 वर्षीय बृजभूषण या उनकी पत्नी लगभग तब से उत्तर प्रदेश से सांसद हैं l1996 में बृजभूषण का टिकट काट दिया गया था l उन पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों को कथित रूप से शरण देने का आरोप लगा था l तब उनकी पत्नी केकती देवी सिंह को गोंडा से भाजपा ने मैदान में उतारा और जीत हासिल हासिल की l वहीं 1998 में सिंह को गोंडा से समाजवादी पार्टी के कीर्तिवर्धन सिंह से एक दुर्लभ चुनाव हार का सामना करना पड़ा lराम मंदिर आंदोलन में सक्रिय बृजभूषण शरण सिंह,वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल के करीबी रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी संघ से नजदीकियां रही हैं l

उन्होंने अयोध्या से पढ़ाई की और उसके बाद छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की l उनको राम मंदिर आंदोलन से जुड़ने का मौका मिला l 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद मामले में,बृजभूषण समेत कई लोगों पर जनभावनाएं भड़काने का आरोप लगा और उन पर मुकदमा दर्ज हुआ, तब तक बृजभूषण बीजेपी के सांसद के तौर पर चुनाव जीत चुके थे l मतलब साफ है,कि भाजपा के पुराने योद्धाओं में बृजभूषण सिंह का नाम शुमार होता है l ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव 2024 में बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट भी जाता है,तो इसका फर्क बृजभूषण पर बिल्कुल भी नहीं पड़ेगा,क्योंकि अगर पारिवारिक सदस्यों की बात की जाए,तो पत्नी केतकी सिंह और बेटे प्रतीक भूषण सिंह बीजेपी की गोल्डन लिस्ट में शामिल है l ऐसे में देखना यह होगा कि,बीजेपी बृजभूषण के परिवार या खुद बृजभूषण में से किसको दूसरी लिस्ट में शामिल करती है l फिलहाल बृजभूषण शरण सिंह की सक्रियता यही दर्शा रही है,की चुनाव उनका ही है l

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